15. बड़े भैया का जन्मदिन

उद्देश्य: विभिन्न उत्सवों एवं दिनचर्या में आहार संबंधी वस्तुओं का सदुपयोग कैसे कर पाएँ इस प्रकार की समझ को विकसित करना।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक

कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।

कहानी
पारुल के बड़े भाई उदय का जन्मदिन था। उसके मम्मी पापा ने सभी रिश्तेदारों को और उसने अपने सभी दोस्तों को बुलाया। उदय ने अपनी मम्मी को अपनी मन पसंद की चीजें बनाने को कहा। माँ उचित मात्रा में संतुलित भोजन बनाना चाहती थी। लेकिन उदय का कहना था कि उसके जन्मदिन पर माँ उसकी और उसके दोस्तों की पसंद की चीज़ें बनाएँ । उसने अपनी माँ से कहा कि खाने की चीज़ें ज्यादा बनाएँ। माँ और पारुल हैरान थे कि इतने कम लोग और इतना सारा खाना कैसे खा पाएँगे।
अगले दिन सभी पार्टी में आए और सभी बहुत उत्साहित थे। गीत संगीत के बाद सभी को भूख लगने लगी और सभी खाने की टेबल पर पहुँचे। भरपेट खाना खाने के बाद सभी ने उदय को फिर से जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ दी। सब को विदा करने के बाद जैसे ही उदय किचन में पानी पीने गया। उसने देखा कि किचन में खाने की बहुत सारी चीजें बची हुई थीं। यह देखकर उसे बहुत बुरा लग रहा था। उसे लगा काश!उसने ज़िद करके ज्यादा खाना न बनवाया होता।
वह माँ के पास गया और रुआँसा होते हुए बोला, “माँ अब इस बचे हुए खाने का हम क्या करें!” माँ ने प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरा और बोली, “चलो मेरे साथ!” माँ ने सारा बचा हुए खाना अलग अलग पैकेटों में रखा और उदय को लेकर एक अनाथालय गईं और वहाँ बच्चों को बड़े प्यार से खाना खिलाया। सभी बच्चे बहुत खुश हुए। उदय भी उन सबके साथ घुल मिल गया था। अपने खाली हो चुके खाने के पैकेटों और उन बच्चों के खिले चेहरों को देख उदय का चेहरा भी खिल उठा।

चर्चा की दिशा:
हमारे देश में बहुत सारे लोग अनेकों मौकों पर मिलकर खाना खाते हैं। ऐसे मौकों पर अक्सर बहुत सारा खाना बच जाता है, और इसे ऐसे ही कूड़े में फेंक दिया जाता है।
चर्चा के प्रश्नों के द्वारा विद्यार्थियों का ध्यान इस ओर ले जाएँ कि वे अपनी प्लेट में उतना ही खाना लें जितना खाना उनको खाना है। बच्चे अपने घर परिवार में भी यह बात रखें कि खाना उतना ही बनाया जाए जितने की ज़रूरत हो। खाना बर्बाद न हो। यदि किसी कारणवश खाना अधिक मात्रा में बन जाता है तो उसे जरूरतमंदों को दे दिया जाए। बच्चों का ध्यान इस ओर भी ले जाया जाए कि खाना बर्बाद किया जाना उन बहुत सारे लोगों के श्रम का अनादर है, जिनके कारण वह उनकी थाली में पहुंचता है, जैसे - दुकानदार,ट्रांसपोर्ट करने वाले, आढ़ती,किसान, खाद और उर्वरक बनाने वाले आदि)
पहला दिन:

चर्चा के लिए प्रश्न
1. आप अपने जन्मदिन पर क्या क्या करते हैं? साझा करें।
2. क्या आपके घर में कभी कोई खाने की चीज़ ज्यादा बनने के कारण बची है? साझा करें।
3. ऐसे में आपके परिवार ने उस खाने का सदुपयोग कैसे किया?
4. क्या आप जानते हैं कि आप तक खाना पहुँचाने के लिए कौन कौन से लोग मेहनत करते हैं? अपने साथी के साथ चर्चा करके साझा करें।
5. क्या आपने कभी खेत में काम करते हुए लोगों को देखा है?उनको देखकर आपको कैसे लगा?साझा करें।

घर जाकर देखो, पूछो,समझो: (विद्यार्थियों के लिए)
  • घर जाकर इस कहानी को अपने परिवार में सुनाएँ और परिवार के अन्य सदस्यों के विचार व अनुभव जानें।
  • क्या आप कुछ ऐसी संस्थाओं को जानते हैं जो बचे हुए भोजन और कपड़ों को ज़रूरतमंद लोगों के लिए ले जाते हैं? इन लोगों के बारे में अपने आस पड़ोस में पता करें।
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें

दूसरा दिन:

कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
  • कक्षा में पिछले दिन की कहानी की एक बार पूरी तरह से कक्षा में पुनरावृत्ति की जाए। कहानी की पुनरावृत्ति विद्यार्थियों द्वारा की जाए, आवश्यकता होने पर शिक्षक उसमें सहयोग कर सकते हैं।( पुनरावृत्ति के लिए कई विद्यार्थियों से कहानी सुनना, रोल प्ले करना, जोड़े में एक-दूसरे को कहानी सुनाना आदि विविध तरीके अपनाए जा सकते हैं।)
  • घर से मिले फीडबैक को विद्यार्थी छोटे समूहों में साझा कर सकते हैं। कुछ विद्यार्थियों को घर के अनुभव कक्षा में साझा करने के अवसर दिए जाएँ।
  • पहले दिन के चर्चा के प्रश्नों का प्रयोग उन विद्यार्थियों के लिए पुनः किया जा सकता है जो पिछले दिन अनुपस्थित रहे हों या समय की कमी के कारण प्रश्नों के उत्तर न दे पाए हों।
चर्चा के लिए कुछ अन्य प्रश्न:
1. आप कॉपी, पेन, पेन्सिल आदि का सही उपयोग कैसे कर सकते हैं?
2. आपके घर में ऐसी कौन कौन सी चीजें हैं जो अब आपके काम की नहीं है?
3. आपके परिवार वाले ऐसी चीजों का क्या करते हैं?
4. क्या आपको भी कभी किसी चीज़ की कमी का सामना करना पड़ा है?
5. क्या आपने भी कभी अपनी कोई ऐसी चीज किसी ज़रूरतमंद को दी है जिसकी आपको ज़रूरत नहीं थी?

कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें

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  1. बेहतर भविष्य की ओर
  2. सौ रूपए का नोट
  3. एहसास
  4. अखबार
  5. इनाम
  6. माँ की देखभाल
  7. कमज़ोर प्रदर्शन
  8. कहानी मैं सुनाऊँगी
  9. गुल्लक
  10. मेरा लकी (Lucky) पेन
  11. नानी के लड्डू
  12. मनजीत के घर में पिकनिक
  13. मैं सबसे तेज़ दौड़ना चाहती हूँ
  14. स्वादिष्ट कस्टर्ड
  15. बड़े भैया का जन्मदिन
  16. संगत का प्रभाव
  17. एक जला पराँठा
  18. छोटी सी कोशिश
  19. टम टम और उसका ड्रम
  20. रोहन का बग़ीचा

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