12. एक कदम बदलाव की ओर

उद्देश्य: बच्चों का ध्यान इस ओर जाए कि किसी भी समस्या को समझकर उसका समाधान ढूंढा जा सकता है।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक

कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।

कहानी
यश ने कई सालों तक चश्मा पहना। जब उसका चश्मा एक दिन टूट गया, तो उसे पढ़ने में बहुत परेशानी हुई। अगले दिन यश के पिता ने उसका चश्मा ठीक करा दिया, उसने महसूस किया कि दुनिया भर में ऐसे कितने विद्यार्थी थे, जिनके पास स्कूल में पढ़ने लिखने के लिए सही चश्मा नहीं था। इस घटना ने उसके जीवन को एक नई दिशा दी।
यश ने अपने घर में ऐसे चश्मे ढूंढे जिनका कोई प्रयोग नहीं करता था। जब उसे अपने घर में ऐसे दस चश्मे मिले,तो उसे लगा वह दस विद्यार्थियों की ठीक से देखने, पढ़ने लिखने में मदद कर सकता है। 14 वर्ष की आयु में उसने एक संगठन “साइट लर्निंग” बनाकर उपयोग में लाए जा चुके चश्में (जिनको उसी रूप में या उनका कोई हिस्सा प्रयोग में लाया जा सकता था) इकट्ठा कर जरूरतमंद विद्यार्थियों तक उनकी आँख के नम्बर के अनुसार उन्हें चश्मा पहुंचाने का काम शुरू किया। उसने एक चश्मे वाले को इस बात के लिए राज़ी किया कि वह अपनी दुकान के बाहर एक ड्रॉप बॉक्स लगवाए जिसमें लोग अपने प्रयोग में लाए जा चुके चश्मे डालें। जिनको जरूरतमंदों तक पहुँचाया जा सके।
इंटरनेट से ढूंढने पर उसे पता चला कि आज दुनिया भर में 13 मिलियन विद्यार्थियों के पास कक्षा में देखने के लिए सही चश्मा नहीं है । उसने अपनी संस्था द्वारा 5 देशों में 20,000 से अधिक विद्यार्थियों को बेहतर देखने में मदद की।

चर्चा की दिशा
विद्यार्थियों का ध्यान इस ओर ले जाना कि जिस तरह किसी चीज़ की कमी से हमें परेशानी होती है वैसे ही दूसरों को भी उस चीज़ की कमी से परेशानी होती होगी, इस बात का एहसास होना, साथ ही साथ दूसरों की परेशानियों को दूर करने का प्रयास भी करना। हम समस्याओं से परेशान नहीं होते समस्याओं का समाधान न होना हमें दुःखी करता है। हर समस्या का समाधान है ही, उस तक पहुंचने की समझ प्राप्त करना ही लक्ष्य है। लक्ष्य प्राप्त करना हमेशा सुखकारी होता है।

पहला दिन:

चर्चा के लिए प्रश्न
  • चश्मा टूटने पर यश को क्या क्या परेशानी हुई होगी? चर्चा करें।
  • यश ने चश्मों की आवश्यकताओं के बारे में क्या पता लगाया और कैसे?
  • यदि आप यश की जगह होते तो आप बच्चों की मदद कैसे करते? साझा करें।
  • यदि आपके किसी मित्र का चश्मा टूट जाए तो आप तुरंत उसकी मदद कैसे करेंगें?ऐसा आप क्यों करेंगें?
  • आपने किसी परेशानी का हल सूझ बूझ से कैसे निकाला? साझा करें।
घर जाकर देखो, पूछो, समझो (विद्यार्थियों के लिए)
  • विद्यार्थियों से घर जाकर इस कहानी पर चर्चा करने और परिवार के अन्य सदस्यों के विचार व अनुभव जानने के लिए कहा जाए।
  • अपने घर के आस पास देखें कि कितने लोगों को अच्छी तरह देखने के लिए चश्मों की आवश्यकता है? तथा कितने लोगों के पास प्रयोग किए जा चुके चश्मे बेकार पड़े हैं?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

दूसरा दिन:

कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
  • कक्षा में पिछ्ले दिन की कहानी की पुनरावृत्ति विद्यार्थियों द्वारा करवाई जाए। पुनरावृत्ति के लिए एक या कई विद्यार्थियों से कहानी सुनना, रोल प्ले करना, जोड़े में एक-दूसरे को कहानी सुनाना आदि विविध तरीके अपनाए जा सकते हैं। आवश्यकता पड़ने पर शिक्षक कहानी की पुनरावृत्ति में विद्यार्थियों का सहयोग कर सकते हैं ।
  • घर से मिले फीडबैक को विद्यार्थी छोटे समूहों में साझा कर सकते हैं। कुछ विद्यार्थियों को घर के अनुभव कक्षा में साझा करने के अवसर दिए जाएँ।
  • पहले दिन के चर्चा के प्रश्नों का प्रयोग उन विद्यार्थियों के लिए पुनः किया जा सकता है जो पिछले दिन अनुपस्थित रहे हों या समय की कमी के कारण प्रश्नों के उत्तर न दे पाएँँ हों।
चर्चा के लिए कुछ अन्य प्रश्न:
  • यदि कोई आपकी इसी तरह की मदद करे तो आपको कैसा लगेगा? और क्यों?
  • क्या आपका ध्यान अपने साथियों को होने वाली किसी परेशानी की तरफ गया है? आपने उनकी मदद कैसे की? साझा करें।
  • क्या आपने किसी की समस्या को समझकर उसका हल निकाला है? ऐसा आप कैसे कर पाएँँ,साझा करें।
  • क्या आपने भी यश की तरह किसी की मदद करने के बारे में सोचा है? उदाहरण दें।
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

----------------------
  1. फाइनल मैच
  2. उपयोगिता ही सौंदर्य
  3. रूचि की सेवइयाँ
  4. श्रम का महत्व
  5. वीडियो गेम
  6. बुजुर्गो का साथ
  7. घड़ी की टिक टिक
  8. एक बाल्टी पानी
  9. प्राची में बदलाव
  10. पिता को पत्र
  11. दादी बनी टीचर दादी
  12. एक कदम बदलाव की ओर
  13. सच्ची ख़ुशी जोड़ने में है तोड़ने में नहीं
  14. भैया! कुछ भी कठिन नहीं
  15. बिल्लू और गुल्लू
  16. बदलाव कौन करेगा
  17. जली हुई रोटी
  18. गीता मैम से ऊँचा टावर
  19. एक जूता
  20. शिक्षा क्यों
  21. तितली क्यों नहीं उड़ी

No comments:

Post a Comment