6. बुजुर्गो का साथ

उद्देश्य: बच्चों का ध्यान इस ओर जाए कि संबंधों में जीने से खुशी का एहसास होता है।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक

कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।

कहानी:
दादी ज़िद कर रही थी कि उसकी चारपाई बालकनी में डाल दी जाए। राहुल, उनका 12 साल का पोता, और उसके मम्मी-पापा उनसे कह रहे थे कि आप बालकनी में परेशान हो जाओगे। परन्तु दादी जिद्द पर अड़ी थी, काफी समझाने के बाद भी जब दादी नहीं मानी तब उनकी चारपाई बालकनी में डाल दी गई| ऐसा नहीं था कि उनको अपने कमरे में कोई दिक्कत थी, सुविधाओं से भरा वह कमरा हर प्रकार से दादी के लिए अच्छा था ।दिन में राहुल के माता पिता को काम पर जाना पड़ता था और राहुल भी स्कूल चला जाता था। इसलिए व दादी अकेलापन महसूस करती थी।
कमज़ोर और बूढी माँ की जिद्द पर बेटा सुरेश और बहू रजनी मान तो गए पर दादी का कमरे से बाहर बालकनी में रहना उन्हें ठीक न लगा। अब माँ की चारपाई बालकनी में आ गई थी। सारा दिन दादी बाहर आने जाने वालों को देखती रहतीं। पार्क में खेलते बच्चों की शरारतें देखती रहतीं, कभी - कभी बच्चों से और आने-जाने वालों से बातें भी करती ।दादी को सारा दिन अच्छा महसूस होने लगा। अब सुबह से शाम और शाम से सुबह कब हो जाती दादी को पता ही नहीं चलता।
कुछ दिन बाद राहुल के पिता जब अपनी माँ के पास बैठे थे तो उन्होंने अपनी माँ से पूछा कि आपको बालकनी में कोई दिक्कत तो नहीं । माँ का बालकनी में रहना सुरेश को अभी भी ठीक नहीं लग रहा था। पर माँ तो खुश लग रही थी, माँ ने कहा “तुमने मुझे कमरे में सब सुविधाएँ तो दी परन्तु मैं सारा दिन कमरे में अकेली रहती थी, अब मैं सबसे मिलती जुलती हूँ, बातचीत करती हूँ। अब मुझे अच्छा लगता है और सबसे बात करके मेरा मन लगा रहता है |”

चर्चा की दिशा
आज कल ऐसा बहुत देखा जाता है कि परिवार के सभी सदस्य अपने-अपने कार्यो में व्यस्त रहते हैं, इस कारण एक दूसरे से बात करने का समय नहीं मिल पाता और घर के बुजुर्ग अकेलेपन का सामना करते हैं। जीवन भर बड़े बुजुर्ग हम सबको सीखने और समझने में मदद करते रहे हैं हम उनके द्वारा किए गए कार्यों को पहचानकर उनके प्रति कृतज्ञ होते हैं। इस कहानी और चर्चा के प्रश्नों के द्वारा बच्चों का ध्यान इस ओर ले जाएँ कि आपस में मिल जुल कर रहने से भावनात्मक आवश्यकताओं की पूर्ति होती है और ख़ुशी मिलती है। दूसरे शब्दों में,संबंधों से मिलने वाली ख़ुशी, अधिक महत्वपूर्ण है ।

पहला दिन:

चर्चा के लिए प्रश्न
  • आप राहुल के स्थान पर होते तो क्या करते तथा क्यों?
  • क्या आपके परिवार में घर के बुजुर्ग भी आपके साथ रहते हैं? यदि हां, तो आप उनके साथ समय किस प्रकार बिताते हैं? यदि नहीं, तो आप उनके साथ किस तरह जुड़े रहते हैं?
  • आपने कभी ऐसा महसूस किया है कि घर के बड़े-बुज़ुर्ग अकेलेपन के कारण ऊब जाते हैं ? ऐसे में आप क्या करते हैं ? साझा करें।
  • आप अपने घर के बड़ों की सहायता किस प्रकार कर सकते हैं? चर्चा करें।
  • आपके घर के बड़े बुजुर्गों ने आपके लिए क्या क्या किया है? साझा करें। आप उनके प्रति कृतज्ञता कैसे व्यक्त करेंगे?
घर जाकर देखो, पूछो ,समझो (विद्यार्थियों के लिए)
  • विद्यार्थियों से घर जाकर इस कहानी पर चर्चा करने और परिवार के अन्य सदस्यों के विचार व अनुभव जानने के लिए कहा जाए।
  • आपके आस पड़ोस में कितने परिवार अपने बुजुर्गों के साथ रहते हैं? परिवार से दूर रहने वाले लोग अपने बुजुर्गों से कितने समय बाद मिल पाते हैं?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

दूसरा दिन:

कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
  • कक्षा में पिछ्ले दिन की कहानी की पुनरावृत्ति विद्यार्थियों द्वारा करवाई जाए। पुनरावृत्ति के लिए एक या कई विद्यार्थियों से कहानी सुनना, रोल प्ले करना, जोड़े में एक-दूसरे को कहानी सुनाना आदि विविध तरीके अपनाए जा सकते हैं। आवश्यकता पड़ने पर शिक्षक कहानी की पुनरावृत्ति में विद्यार्थियों का सहयोग कर सकते हैं ।
  • घर से मिले फीडबैक को विद्यार्थी छोटे समूहों में साझा कर सकते हैं। कुछ विद्यार्थियों को घर के अनुभव कक्षा में साझा करने के अवसर दिए जाएँ।
  • पहले दिन के चर्चा के प्रश्नों का प्रयोग उन विद्यार्थियों के लिए पुनः किया जा सकता है जो पिछले दिन अनुपस्थित रहे हों या समय की कमी के कारण प्रश्नों के उत्तर न दे पाएँँ हों।
चर्चा के लिए कुछ अन्य प्रश्न
1. सुविधाओं से खुशी चाहिए या अपनों के साथ की खुशी? ऐसा क्यों?चर्चा करें।
2. आप घर के बुजुर्गों से किस तरह की बातचीत करते हैं।साझा करें।
3. आप अपने परिवार के सदस्यों की भौतिक आवश्यकताओं के अलावाकौन-कौन सी आवश्यकताएँ पूरी करते हैं? चर्चा करके साझा करें।

कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

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  1. फाइनल मैच
  2. उपयोगिता ही सौंदर्य
  3. रूचि की सेवइयाँ
  4. श्रम का महत्व
  5. वीडियो गेम
  6. बुजुर्गो का साथ
  7. घड़ी की टिक टिक
  8. एक बाल्टी पानी
  9. प्राची में बदलाव
  10. पिता को पत्र
  11. दादी बनी टीचर दादी
  12. एक कदम बदलाव की ओर
  13. सच्ची ख़ुशी जोड़ने में है तोड़ने में नहीं
  14. भैया! कुछ भी कठिन नहीं
  15. बिल्लू और गुल्लू
  16. बदलाव कौन करेगा
  17. जली हुई रोटी
  18. गीता मैम से ऊँचा टावर
  19. एक जूता
  20. शिक्षा क्यों
  21. तितली क्यों नहीं उड़ी

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