उदेश्य: बच्चों का ध्यान इस ओर जाए कि ठीक से ध्यान देने से हम अपने काम सुचारु रूप से कर पाते हैं।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
कहानी:
एक बार रिंकू के पापा की घड़ी कहीं खो गई। पापा को वह घड़ी बहुत पसंद थी, क्योंकि दादी ने उनको वह घड़ी दी थी।
उन्होंने स्वयं घड़ी ढूंढ़ने का बहुत प्रयास किया परंतु घड़ी नहीं मिली। अत: उन्होंने इस काम के लिए रिंकू और उसके दोस्तों को आवाज लगाई ,” सुनो बच्चों, क्या तुममें से कोई मेरी खोई घड़ी ढूंढ देगा?”
फिर क्या था , सभी बच्चे जोर-शोर से इस काम में लग गए…वे हर जगह घडी ढूंढ़ने लगे, ऊपर-नीचे ,आँगन में, बाहर ..हर जगह…पर घड़ी नहीं मिली।
अब लगभग बच्चे हार मान चुके थे ,और पापा को भी यही लगा क़ि घड़ी नहीं मिलेगी, तभी रिंकू पापा के पास आई और बोली , ” पापा मुझे एक मौका और दीजिये, पर इस बार मैं एक नई तरकीब से घडी ढूंढ़ने की कोशिश करूंगी।
पापा ने कहा " कोई बात नहीं ,तुम दोबारा प्रयास करो"
रिंकू ने सभी को कमरे से बाहर जाने को कहा और आँखें बंद करके कमरे में बैठ गई।
थोड़ी देर बाद रिंकू पापा के कमरे से बाहर निकली और घड़ी रिंकू के हाथ में थी।
रिंकू के पापा, घड़ी देख बहुत खुश हो गए और उन्होंने आश्चर्य से पूछा ,” बेटा, कहाँ थी ये घड़ी?
रिंकू ने बताया क़ि वह कमरे में जाकर चुप-चाप आँखें बंद करके बैठ गई, और घड़ी की आवाज़ पर ध्यान देने लगी , आँखें बंद होने के कारण मेरा सारा ध्यान घड़ी की आवाज़ पर ही था। ठीक से ध्यान देने के कारण मुझे घड़ी की टिक-टिक सुनाई देने लगी, जिससे मैंने उसकी दिशा का अंदाजा लगा लिया और अलमारी के पीछे गिरी यह घड़ी खोज निकाली"।
चर्चा की दिशा
हमारी दिनचर्या में आस पास बहुत कुछ घटता है, जिसके कारण हमारा ध्यान भटकता रहता है, इस कहानी और प्रश्नों के माध्यम से बच्चों को समझाने की कोशिश की गई है कि किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एकाग्रता से काम करना आवश्यक है। बाहरी शोर से यदि कोई समस्या होती है तो अपने मन को एकाग्र करने से समस्या का हल निकालने में मदद मिलती है।
पहला दिन:
चर्चा के लिए प्रश्न
दूसरा दिन:
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
कहानी:
एक बार रिंकू के पापा की घड़ी कहीं खो गई। पापा को वह घड़ी बहुत पसंद थी, क्योंकि दादी ने उनको वह घड़ी दी थी।
उन्होंने स्वयं घड़ी ढूंढ़ने का बहुत प्रयास किया परंतु घड़ी नहीं मिली। अत: उन्होंने इस काम के लिए रिंकू और उसके दोस्तों को आवाज लगाई ,” सुनो बच्चों, क्या तुममें से कोई मेरी खोई घड़ी ढूंढ देगा?”
फिर क्या था , सभी बच्चे जोर-शोर से इस काम में लग गए…वे हर जगह घडी ढूंढ़ने लगे, ऊपर-नीचे ,आँगन में, बाहर ..हर जगह…पर घड़ी नहीं मिली।
अब लगभग बच्चे हार मान चुके थे ,और पापा को भी यही लगा क़ि घड़ी नहीं मिलेगी, तभी रिंकू पापा के पास आई और बोली , ” पापा मुझे एक मौका और दीजिये, पर इस बार मैं एक नई तरकीब से घडी ढूंढ़ने की कोशिश करूंगी।
पापा ने कहा " कोई बात नहीं ,तुम दोबारा प्रयास करो"
रिंकू ने सभी को कमरे से बाहर जाने को कहा और आँखें बंद करके कमरे में बैठ गई।
थोड़ी देर बाद रिंकू पापा के कमरे से बाहर निकली और घड़ी रिंकू के हाथ में थी।
रिंकू के पापा, घड़ी देख बहुत खुश हो गए और उन्होंने आश्चर्य से पूछा ,” बेटा, कहाँ थी ये घड़ी?
रिंकू ने बताया क़ि वह कमरे में जाकर चुप-चाप आँखें बंद करके बैठ गई, और घड़ी की आवाज़ पर ध्यान देने लगी , आँखें बंद होने के कारण मेरा सारा ध्यान घड़ी की आवाज़ पर ही था। ठीक से ध्यान देने के कारण मुझे घड़ी की टिक-टिक सुनाई देने लगी, जिससे मैंने उसकी दिशा का अंदाजा लगा लिया और अलमारी के पीछे गिरी यह घड़ी खोज निकाली"।
चर्चा की दिशा
हमारी दिनचर्या में आस पास बहुत कुछ घटता है, जिसके कारण हमारा ध्यान भटकता रहता है, इस कहानी और प्रश्नों के माध्यम से बच्चों को समझाने की कोशिश की गई है कि किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एकाग्रता से काम करना आवश्यक है। बाहरी शोर से यदि कोई समस्या होती है तो अपने मन को एकाग्र करने से समस्या का हल निकालने में मदद मिलती है।
पहला दिन:
चर्चा के लिए प्रश्न
- जब आपके घर या विद्यालय में कोई वस्तु खो जाती है तब आप उसे ढूंढ़ने के लिए क्या क्या करते हैं? तथा क्यों?
- आपके आसपास क्या कभी कोई ऐसी घटना घटी है जब किसी व्यक्ति ने आपकी कोई खोई हुई चीज़ लौटाई हो?
- जब आपकी कोई ऐसी वस्तु खो जाती है जिससे आप भावात्मक रूप से जुड़ें हों ,तब आपको कैसा महसूस होता है ?
- बाहरी हलचल और शोर में यदि कोई समस्या आती है तो आप उसका हल कैसे ढूंढोगे? चर्चा करें और साझा करें।
- विद्यार्थियों से घर जाकर इस कहानी पर चर्चा करने के लिए कहा जाए,और परिवार के अन्य सदस्यों के विचार व अनुभव जानने के लिए कहा जाए।
- आपके घर तथा आस पड़ोस में क्या ऐसा हुआ है कि किसी को उसकी कोई वस्तु मिल नहीं रही हो, लेकिन किसी ने ध्यान देकर उसे ढूंढ़ निकाला हो और उसने उसे वापस लौटा दिया? साझा करें।
दूसरा दिन:
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
- कक्षा में पिछ्ले दिन की कहानी की पुनरावृत्ति विद्यार्थियों द्वारा करवाई जाए। पुनरावृत्ति के लिए एक या कई विद्यार्थियों से कहानी सुनना, रोल प्ले करना, जोड़े में एक-दूसरे को कहानी सुनाना आदि विविध तरीके अपनाए जा सकते हैं।
- आवश्यकता पड़ने पर शिक्षक कहानी की पुनरावृत्ति में विद्यार्थियों का सहयोग कर सकते हैं ।
- घर से मिले फीडबैक को विद्यार्थी छोटे समूहों में साझा कर सकते हैं। कुछ विद्यार्थियों को घर के अनुभव कक्षा में साझा करने के अवसर दिए जाएँ।
- पहले दिन के चर्चा के प्रश्नों का प्रयोग उन विद्यार्थियों के लिए पुनः किया जा सकता है ,जो पिछले दिन अनुपस्थित रहे हों या समय की कमी के कारण प्रश्नों के उत्तर न दे पाएँँ हों।
- जब हम किसी आवाज़ पर ध्यान देना चाहते हैं तब आँखें बंद करने से आवाज़ सुनने में आसानी होती है? क्यों? चर्चा करें
- क्या आप अपने आस- पास की वस्तुओं और वातावरण के प्रति सजग रहते हैं? क्यों और कैसे? चर्चा करें।
- हम अपने आसपास की वस्तुओं पर ध्यान नहीं दे पाते , क्या कभी इसके कारण हमें दिक्कत हुई है ? चर्चा करें ।
- क्या कभी आपने अपनी या किसी की समस्या का ध्यान देकर हल निकाला है? कैसे?
- जब हम अपने वातावरण के प्रति सजग रहते हैं तब हम क्या - क्या कर सकते हैं?
- क्या वातावरण के प्रति सजग रहने से आपका जीवन सरल हो सकता है क्यों और कैसे? क्या इसमें आपके परिवार के किसी सदस्य का योगदान है?
----------------------
- फाइनल मैच
- उपयोगिता ही सौंदर्य
- रूचि की सेवइयाँ
- श्रम का महत्व
- वीडियो गेम
- बुजुर्गो का साथ
- घड़ी की टिक टिक
- एक बाल्टी पानी
- प्राची में बदलाव
- पिता को पत्र
- दादी बनी टीचर दादी
- एक कदम बदलाव की ओर
- सच्ची ख़ुशी जोड़ने में है तोड़ने में नहीं
- भैया! कुछ भी कठिन नहीं
- बिल्लू और गुल्लू
- बदलाव कौन करेगा
- जली हुई रोटी
- गीता मैम से ऊँचा टावर
- एक जूता
- शिक्षा क्यों
- तितली क्यों नहीं उड़ी
No comments:
Post a Comment