उद्देश्य: विद्यार्थियों को वातावरण की स्वच्छता के लिए मिलजुलकर कार्य करने के लिए प्रेरित करना।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
कहानी:
सुमित रोज़ सवेरे दौड़ने जाया करता था। वह हर दिन अपनी माँ को गली में पड़े कूड़े को साफ़ करते देखता। आज वह अपनी माँ से बोला, “माँ! मैं आपको हमेशा सुबह गली को साफ़ करते हुए देखता हूँ। आप ऐसा क्यों करती हैं? बाक़ी सब तो कूड़ा डाल कर चले जाते हैं।”
माँ ने उत्तर दिया, “मुझे सफ़ाई बहुत पसन्द है और मैं चाहती हूँ कि मैं अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखूँ।” सुमित ने एक और सवाल किया, “ आपके अकेले थोड़ी सी जगह साफ़ करने से क्या हमारा सारा वातावरण साफ़ हो जाएगा? माँ ने मुस्कुराते हुए सुमित से प्रश्न पूछा ‘ज़रा ये तो बताओ आजकल हमारी साथ वाली गली में लोग किस कारण बीमार हो रहे हैं सुमित बोला,”मलेरिया और डेंगू से।आपके अकेले सफ़ाई करने से बदलाव कैसे आएगा?” माँ मुस्कुराते हुए सुमित से बोलीं, “ठीक है! आज से मैं सफ़ाई करना बिल्कुल बंद कर देती हूँ।”
नाज़िया, जो पास ही खड़ी थी, आँटी का जवाब सुनते ही वह तपाक से बीच में बोल पड़ी, “नहीं आँटी! आप ऐसा बिल्कुल मत करना क्योंकि जब मेरी सहेलियाँ मेरे घर आती हैं तब वह हमारी साफ़ गली की बहुत प्रशंसा करती हैं।” पास खड़ा रिंकू कहने लगा, “आँटी! मेरी मौसी और नानी हमेशा कहती हैं कि तुम्हारी गली बहुत साफ़ और सुंदर दिखती है। जब वे अगली बार यहाँ आएँगी तो मैं उनको क्या जवाब दूँगा कि अब हमारी गली गंदी क्यों है? और हाँ आँटी! उन्होंने भी अब अपने घर के बाहर मलेरिया और डेंगू से अपने मोहल्ले को बचाने के लिए सफ़ाई भी करनी शुरू कर दी है।”
रिंकू की बात सुन कर सब मुस्कुराने लगे। बीना सुमित से बोली, “देखो भैया! भले ही आँटी के सफ़ाई करने से दुनिया में कोई बहुत बड़ा बदलाव नहीं आएगा! लेकिन सोचो! इस इलाके में रहने वालों की जिंदगी में तो बदलाव आ ही रहा है ना। तो क्यों ना हम सब भी एक छोटे से बदलाव से शुरूआत करें?”
सुमित वापिस सोचता हुआ जा रहा था कि वह भी अपनी गली में सफ़ाई के ऐसे प्रयास में अवश्य सहायता करेगा।
चर्चा की दिशा
विद्यार्थियों का ध्यान अपने विद्यालय और अपने आस-पास की स्वच्छता की ओर ले जाना ताकि वो मिलजुलकर कार्य कर सकें। बच्चों को गंदगी न करने के लिए प्रेरित करना ताकि उन्हें ज़्यादा सफ़ाई करने की आवश्यकता ही न पड़े।
पहला दिन:
चर्चा के लिए प्रश्न :
1. क्या आपको पता है कि आपके घर के बाहर की सफ़ाई कौन करता है? उनको इस कार्य में किस-किस की सहायता मिलती है?
2. जब आपकी गली की सफ़ाई करने वाले किसी कारण सफ़ाई करने नहीं आ पाते तो गली की सफाई कैसे होती है?क्या आप कुछ कर सकते हैं?
3. क्या आपने कभी किसी भी कार्य के लिए अपने स्कूल और घर में बदलाव लाने के लिए कोई पहल की हो तो कक्षा में साझा करें?
4. क्या आप अपने आस पास के वातावरण को संवारने के लिए सहयोग देना चाहते हैं? यदि हाँ तो कैसे? यदि नहीं है तो क्यों नहीं?(समूह में प्रश्न पूछे जा सकते हैं)
घर जाकर देखो, पूछो, समझो (विद्यार्थियों के लिए)
दूसरा दिन
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
1. आप अपने आस-पास के वातावरण को बेहतर कैसे बना सकते हैं?
2. हम सफाई क्यों करते हैं? यदि सफाई नहीं करेंगे तो क्या-क्या समस्याएँ होंगी? अपने विचार साझा करें।
3. जब आपके विद्यालय में सफाई करने वाले अंकल नहीं आ पाते तो आपकी कक्षा की सफाई कैसे होती है? क्या इस कार्य में आपकी भी कोई भूमिका होती है? उदाहरण साझा करें।
4. आपके घर के कौन-कौन से सदस्य हैं जो सुनिश्चित करते है कि घर में सफाई रहे?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
कहानी:
सुमित रोज़ सवेरे दौड़ने जाया करता था। वह हर दिन अपनी माँ को गली में पड़े कूड़े को साफ़ करते देखता। आज वह अपनी माँ से बोला, “माँ! मैं आपको हमेशा सुबह गली को साफ़ करते हुए देखता हूँ। आप ऐसा क्यों करती हैं? बाक़ी सब तो कूड़ा डाल कर चले जाते हैं।”
माँ ने उत्तर दिया, “मुझे सफ़ाई बहुत पसन्द है और मैं चाहती हूँ कि मैं अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखूँ।” सुमित ने एक और सवाल किया, “ आपके अकेले थोड़ी सी जगह साफ़ करने से क्या हमारा सारा वातावरण साफ़ हो जाएगा? माँ ने मुस्कुराते हुए सुमित से प्रश्न पूछा ‘ज़रा ये तो बताओ आजकल हमारी साथ वाली गली में लोग किस कारण बीमार हो रहे हैं सुमित बोला,”मलेरिया और डेंगू से।आपके अकेले सफ़ाई करने से बदलाव कैसे आएगा?” माँ मुस्कुराते हुए सुमित से बोलीं, “ठीक है! आज से मैं सफ़ाई करना बिल्कुल बंद कर देती हूँ।”
नाज़िया, जो पास ही खड़ी थी, आँटी का जवाब सुनते ही वह तपाक से बीच में बोल पड़ी, “नहीं आँटी! आप ऐसा बिल्कुल मत करना क्योंकि जब मेरी सहेलियाँ मेरे घर आती हैं तब वह हमारी साफ़ गली की बहुत प्रशंसा करती हैं।” पास खड़ा रिंकू कहने लगा, “आँटी! मेरी मौसी और नानी हमेशा कहती हैं कि तुम्हारी गली बहुत साफ़ और सुंदर दिखती है। जब वे अगली बार यहाँ आएँगी तो मैं उनको क्या जवाब दूँगा कि अब हमारी गली गंदी क्यों है? और हाँ आँटी! उन्होंने भी अब अपने घर के बाहर मलेरिया और डेंगू से अपने मोहल्ले को बचाने के लिए सफ़ाई भी करनी शुरू कर दी है।”
रिंकू की बात सुन कर सब मुस्कुराने लगे। बीना सुमित से बोली, “देखो भैया! भले ही आँटी के सफ़ाई करने से दुनिया में कोई बहुत बड़ा बदलाव नहीं आएगा! लेकिन सोचो! इस इलाके में रहने वालों की जिंदगी में तो बदलाव आ ही रहा है ना। तो क्यों ना हम सब भी एक छोटे से बदलाव से शुरूआत करें?”
सुमित वापिस सोचता हुआ जा रहा था कि वह भी अपनी गली में सफ़ाई के ऐसे प्रयास में अवश्य सहायता करेगा।
चर्चा की दिशा
विद्यार्थियों का ध्यान अपने विद्यालय और अपने आस-पास की स्वच्छता की ओर ले जाना ताकि वो मिलजुलकर कार्य कर सकें। बच्चों को गंदगी न करने के लिए प्रेरित करना ताकि उन्हें ज़्यादा सफ़ाई करने की आवश्यकता ही न पड़े।
पहला दिन:
चर्चा के लिए प्रश्न :
1. क्या आपको पता है कि आपके घर के बाहर की सफ़ाई कौन करता है? उनको इस कार्य में किस-किस की सहायता मिलती है?
2. जब आपकी गली की सफ़ाई करने वाले किसी कारण सफ़ाई करने नहीं आ पाते तो गली की सफाई कैसे होती है?क्या आप कुछ कर सकते हैं?
3. क्या आपने कभी किसी भी कार्य के लिए अपने स्कूल और घर में बदलाव लाने के लिए कोई पहल की हो तो कक्षा में साझा करें?
4. क्या आप अपने आस पास के वातावरण को संवारने के लिए सहयोग देना चाहते हैं? यदि हाँ तो कैसे? यदि नहीं है तो क्यों नहीं?(समूह में प्रश्न पूछे जा सकते हैं)
घर जाकर देखो, पूछो, समझो (विद्यार्थियों के लिए)
- अपने आस पास देखो ऐसे कौन-कौन से लोग हैं,जो सुनिश्चित करते हैं कि घर के आस पास सफाई रहे?
- देखो वह ऐसा क्या करते हैं जिससे घर के आसपास साफ़ सफाई रहती है ।
दूसरा दिन
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
- कक्षा में पिछले दिन की कहानी की पुनरावृत्ति विद्यार्थियों द्वारा करवाई जाए। पुनरावृत्ति के लिए एक या कई विद्यार्थियों से कहानी सुनना, रोल प्ले करना, जोड़े में एक-दूसरे को कहानी सुनाना आदि विविध तरीके अपनाए जा सकते हैं। आवश्यकता पड़ने पर शिक्षक कहानी की पुनरावृत्ति में विद्यार्थियों का सहयोग कर सकते हैं ।
- घर से मिले फीडबैक को विद्यार्थी छोटे समूहों में साझा कर सकते हैं। कुछ विद्यार्थियों को घर के अनुभव कक्षा में साझा करने के अवसर दिए जाएँ।
- पहले दिन के चर्चा के प्रश्नों का प्रयोग उन विद्यार्थियों के लिए पुनः किया जा सकता है ,जो पिछले दिन अनुपस्थित रहे हों या समय की कमी के कारण प्रश्नों के उत्तर न दे पाएँँ हों।
1. आप अपने आस-पास के वातावरण को बेहतर कैसे बना सकते हैं?
2. हम सफाई क्यों करते हैं? यदि सफाई नहीं करेंगे तो क्या-क्या समस्याएँ होंगी? अपने विचार साझा करें।
3. जब आपके विद्यालय में सफाई करने वाले अंकल नहीं आ पाते तो आपकी कक्षा की सफाई कैसे होती है? क्या इस कार्य में आपकी भी कोई भूमिका होती है? उदाहरण साझा करें।
4. आपके घर के कौन-कौन से सदस्य हैं जो सुनिश्चित करते है कि घर में सफाई रहे?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
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- फाइनल मैच
- उपयोगिता ही सौंदर्य
- रूचि की सेवइयाँ
- श्रम का महत्व
- वीडियो गेम
- बुजुर्गो का साथ
- घड़ी की टिक टिक
- एक बाल्टी पानी
- प्राची में बदलाव
- पिता को पत्र
- दादी बनी टीचर दादी
- एक कदम बदलाव की ओर
- सच्ची ख़ुशी जोड़ने में है तोड़ने में नहीं
- भैया! कुछ भी कठिन नहीं
- बिल्लू और गुल्लू
- बदलाव कौन करेगा
- जली हुई रोटी
- गीता मैम से ऊँचा टावर
- एक जूता
- शिक्षा क्यों
- तितली क्यों नहीं उड़ी
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