उद्देश्य: बच्चों का ध्यान इस ओर ले जाना कि वस्तु की कीमत और सुंदरता से ज्यादा महत्व वस्तु की उपयोगिता और गुणों का है।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
कहानी:
महाकवि से राजा विक्रमादित्य ने एक दिन अपने दरबार में पूछा; "क्या कारण है, आपका शरीर, आपके मन और बुद्धि के अनुरूप नहीं है?" इसके उत्तर में कालिदास ने अगले दिन दरबार में, सहायक से दो घडों में पीने का पानी लाने को कहा। वह जल से भरा सोने का घड़ा और दूसरा मिट्टी का घड़ा ले आया।
अब महाकवि ने राजा से विनयपूर्वक पूछा, " महाराज! आप कौन से घड़े का जल पीना पसंद करेंगे?" विक्रमादित्य ने कहा "कवि महोदय! यह भी कोई पूछने की बात है? इस तपती हुई गर्मी में तो सबको मिट्टी के घड़े का ही जल भाता है। कालिदास मुस्कुराकर बोले, "तब तो महाराज, आपने अपने प्रश्न का उत्तर स्वयं ही दे दिया।" राजा सोचने लगा कि जिस प्रकार जल की शीतलता बर्तन की सुंदरता पर निर्भर नहीं करती, उसी प्रकार मन और बुद्धि का सौंदर्य तन की सुंदरता से नहीं आंका जाता । वास्तविक सुंदरता तो उसकी उपयोगिता होती है। मानव अपनी उपयोगिता के कारण ही सम्मान पाता है।
चर्चा की दिशा:
शिक्षक चर्चा के प्रश्न द्वारा विद्यार्थियों का ध्यान इस ओर ले जाएँ कि वस्तु की सुंदरता सिर्फ बाहरी रूप से नहीं होती , गुण और उपयोगिता से होती है। उनमें वस्तु के गुणों और उपयोगिता को पहचानने की क्षमता का विकास भी हो।
पहला दिन:
चर्चा के लिए प्रश्न
1. आपके अनुसार वास्तविक सुंदरता क्या है?कौन-कौन से गुण हमें सुंदर बनाते हैं (जैसे सम्मान,सहयोग,विश्वास आदि)? साझा कीजिए।
2. आप किसी वस्तु की सुंदरता से क्या समझते हैं?कोई वस्तु कब आपको सुन्दर लगती है?
3. क्या कभी आपको यह अनुभव हुआ है कि कोई वस्तु देखने में तो सुन्दर थी, परंतु उसके गुण आपके लिए उपयोगी नहीं थे? अपना अनुभव साझा करें।
4. क्या आप कुछ ऐसी वस्तुओं के बारे में बता सकते हैं जो दिखने में सुंदर नहीं हैं किन्तु हमारे लिए बहुत उपयोगी हैं? आपस में चर्चा करके साझा करें।
घर जाकर देखो, पूछो ,समझो (विद्यार्थियों के लिए)
दूसरा दिन:
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
1. आप किसी व्यक्ति से क्यों प्रभावित होते हैं, उसके रंग रूप से अथवा उसके गुणों से? ऐसा क्यों?
2. आप अपने मित्रों को क्यों पसंद करते हैं? उनके ऐसे दो गुण बताइए जो आप स्वयं भी अपनाना चाहते हैं।
3. किसी का रंग रूप अधिक स्थाई है या उसके गुण? चर्चा करें।
4. क्या हम हमेशा दूसरों के लिए उपयोगी बने रहते हैं? आप अपनी उपयोगिता बनाए रखने के लिए क्या क्या करते हैं? साझा करें।
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
कहानी:
महाकवि से राजा विक्रमादित्य ने एक दिन अपने दरबार में पूछा; "क्या कारण है, आपका शरीर, आपके मन और बुद्धि के अनुरूप नहीं है?" इसके उत्तर में कालिदास ने अगले दिन दरबार में, सहायक से दो घडों में पीने का पानी लाने को कहा। वह जल से भरा सोने का घड़ा और दूसरा मिट्टी का घड़ा ले आया।
अब महाकवि ने राजा से विनयपूर्वक पूछा, " महाराज! आप कौन से घड़े का जल पीना पसंद करेंगे?" विक्रमादित्य ने कहा "कवि महोदय! यह भी कोई पूछने की बात है? इस तपती हुई गर्मी में तो सबको मिट्टी के घड़े का ही जल भाता है। कालिदास मुस्कुराकर बोले, "तब तो महाराज, आपने अपने प्रश्न का उत्तर स्वयं ही दे दिया।" राजा सोचने लगा कि जिस प्रकार जल की शीतलता बर्तन की सुंदरता पर निर्भर नहीं करती, उसी प्रकार मन और बुद्धि का सौंदर्य तन की सुंदरता से नहीं आंका जाता । वास्तविक सुंदरता तो उसकी उपयोगिता होती है। मानव अपनी उपयोगिता के कारण ही सम्मान पाता है।
चर्चा की दिशा:
शिक्षक चर्चा के प्रश्न द्वारा विद्यार्थियों का ध्यान इस ओर ले जाएँ कि वस्तु की सुंदरता सिर्फ बाहरी रूप से नहीं होती , गुण और उपयोगिता से होती है। उनमें वस्तु के गुणों और उपयोगिता को पहचानने की क्षमता का विकास भी हो।
पहला दिन:
चर्चा के लिए प्रश्न
1. आपके अनुसार वास्तविक सुंदरता क्या है?कौन-कौन से गुण हमें सुंदर बनाते हैं (जैसे सम्मान,सहयोग,विश्वास आदि)? साझा कीजिए।
2. आप किसी वस्तु की सुंदरता से क्या समझते हैं?कोई वस्तु कब आपको सुन्दर लगती है?
3. क्या कभी आपको यह अनुभव हुआ है कि कोई वस्तु देखने में तो सुन्दर थी, परंतु उसके गुण आपके लिए उपयोगी नहीं थे? अपना अनुभव साझा करें।
4. क्या आप कुछ ऐसी वस्तुओं के बारे में बता सकते हैं जो दिखने में सुंदर नहीं हैं किन्तु हमारे लिए बहुत उपयोगी हैं? आपस में चर्चा करके साझा करें।
घर जाकर देखो, पूछो ,समझो (विद्यार्थियों के लिए)
- विद्यार्थियों से घर जाकर इस कहानी पर चर्चा करने और परिवार के अन्य सदस्यों के विचार व अनुभव जानने के लिए कहा जाए।
- अपने आस पास ऐसे लोगों की पहचान कीजिए जिन्हें आप बहुत पसंद करते हैं। उन गुणों को साझा करें जिनके कारण आप उनको पसंद करते हैं।
दूसरा दिन:
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
- कक्षा में पिछ्ले दिन की कहानी की पुनरावृत्ति विद्यार्थियों द्वारा करवाई जाए। पुनरावृत्ति के लिए एक या कई विद्यार्थियों से कहानी सुनना, रोल प्ले करना, जोड़े में एक-दूसरे को कहानी सुनाना आदि विविध तरीके अपनाए जा सकते हैं। आवश्यकता पड़ने पर शिक्षक कहानी की पुनरावृत्ति में विद्यार्थियों का सहयोग कर सकते हैं । घर से मिले फीडबैक को विद्यार्थी छोटे समूहों में साझा कर सकते हैं। कुछ विद्यार्थियों को घर के अनुभव कक्षा में सबके साथ साझा करने के अवसर दिए जाएँ।
- पहले दिन के चर्चा के प्रश्नों का प्रयोग उन विद्यार्थियों के लिए पुनः किया जा सकता है जो पिछले दिन अनुपस्थित रहे हों या समय की कमी के कारण प्रश्नों के उत्तर न दे पाए हों।
1. आप किसी व्यक्ति से क्यों प्रभावित होते हैं, उसके रंग रूप से अथवा उसके गुणों से? ऐसा क्यों?
2. आप अपने मित्रों को क्यों पसंद करते हैं? उनके ऐसे दो गुण बताइए जो आप स्वयं भी अपनाना चाहते हैं।
3. किसी का रंग रूप अधिक स्थाई है या उसके गुण? चर्चा करें।
4. क्या हम हमेशा दूसरों के लिए उपयोगी बने रहते हैं? आप अपनी उपयोगिता बनाए रखने के लिए क्या क्या करते हैं? साझा करें।
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
----------------------
- फाइनल मैच
- उपयोगिता ही सौंदर्य
- रूचि की सेवइयाँ
- श्रम का महत्व
- वीडियो गेम
- बुजुर्गो का साथ
- घड़ी की टिक टिक
- एक बाल्टी पानी
- प्राची में बदलाव
- पिता को पत्र
- दादी बनी टीचर दादी
- एक कदम बदलाव की ओर
- सच्ची ख़ुशी जोड़ने में है तोड़ने में नहीं
- भैया! कुछ भी कठिन नहीं
- बिल्लू और गुल्लू
- बदलाव कौन करेगा
- जली हुई रोटी
- गीता मैम से ऊँचा टावर
- एक जूता
- शिक्षा क्यों
- तितली क्यों नहीं उड़ी
No comments:
Post a Comment