19. एक जूता

उददेश्य: विद्यार्थी को संवेदनशील होने के साथ साथ समझदारी से निर्णय लेने के लिए प्रेरित करना।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक

कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।

कहानी
रवि अपने पापा के साथ अपने गांव जाने के लिए रेलवे स्टेशन पर आया थाI तभी रवि ने देखा कि एक बच्चा स्टेशन पर नंगे पैर बैठा है। धीरे धीरे रवि अपने पापा का हाथ पकड़ कर अपने डिब्बे की ओर जा रहा था I डिब्बे में चढ़ते हुए रवि का एक जूता निकल कर गिर गयाI डिब्बे में बहुत भीड़ थी I तभी ट्रेन धीरे धीरे चलने लगी I रवि ने खिड़की से देखा कि वो बच्चा उसके गिरे हुए जूते को बड़े ध्यान से देख रहा था I उस बच्चे ने जूता उठाया और ट्रेन के साथ साथ दौड़ने लगा I
(वह बच्चा एक पैर का जूता लेकर क्यों दौड़ने लगा?)
तभी रवि ने अपना दूसरा जूता खिड़की से उस बच्चे की ओर फेंक दिया I उस बच्चे ने दूसरा जूता भी उठाया पर वह देने के लिए दौड़ता रहा I तभी रवि ने मुस्कुराते हुए अपना हाथ हिलायाI अचानक वह बच्चा रुक गया और हैरानी से रवि को देखने लगा। धीरे धीरे वह भी मुस्कुराने लगा और रवि की तरफ हाथ हिलाने लगा।
रवि ने अपने बैग से चप्पलें निकाली और पहन लीं।
चर्चा की दिशा:
कभी कभी ऐसा होता है कि हमारे सामने कोई ऐसी स्थिति आ जाती है। उस समय हम शांत मन से निर्णय लेते हैं या हड़बड़ाहट में निर्णय लेते हैं। बच्चों का ध्यान इस ओर चला जाए कि निर्णय लेते हुए समझदार होने के साथ साथ संवेदनशील होना भी आवश्यक हैI

पहला दिन:

चर्चा के लिए प्रश्न
1. क्या कभी आपके साथ भी इस तरह की कोई घटना घटी है? साझा करें?
2. क्या आपकी कभी कोई चीज़ खोई है? तब आपको कैसा लगा तथा क्यों?
3. अगर आप रवि की जगह होते तो क्या करते और क्यों?
घर जाकर देखो, पूछो, समझो (विद्यार्थियों के लिए)
आज हम अपने घर जाकर यह ध्यान देंगे कि हमारे घर तथा घर के आस पास कुछ ऐसे लोग हैं जिनकी आवश्यकता पूरा करके हम उनके सहयोगी हो सकते हैं।

कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

दूसरा दिन

कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
  • कक्षा में पिछले दिन की कहानी की पुनरावृत्ति विद्यार्थियों द्वारा करवाई जाए। पुनरावृत्ति के लिए एक या कई विद्यार्थियों से कहानी सुनना, रोल प्ले करना, जोड़े में एक-दूसरे को कहानी सुनाना आदि विविध तरीके अपनाए जा सकते हैं। आवश्यकता पड़ने पर शिक्षक कहानी की पुनरावृत्ति में विद्यार्थियों का सहयोग कर सकते हैं ।
  • घर से मिले फीडबैक को विद्यार्थी छोटे समूहों में साझा कर सकते हैं। कुछ विद्यार्थियों को घर के अनुभव कक्षा में साझा करने के अवसर दिए जाएँ।
  • पहले दिन के चर्चा के प्रश्नों का प्रयोग उन विद्यार्थियों के लिए पुनः किया जा सकता है जो पिछले दिन अनुपस्थित रहे हों या समय की कमी के कारण प्रश्नों के उत्तर न दे पाएँ हों।
चर्चा के लिए कुछ अन्य प्रश्न
1. क्या आपने भी कभी किसी की जरूरत की वस्तु देकर किसी का सहयोग किया है? ऐसा आपने क्यों किया?
2. आप कैसे समझदारी से किसी के लिए सहयोगी बन पाए? सहयोगी बनकर आपको कैसा लगा?
3. क्या कभी किसी ने आपको आपकी आवश्यकता की वस्तु देकर आपका सहयोग किया है? उनका सहयोग पाकर आपको कैसा लगा? आपने उनके प्रति धन्यवाद कैसे व्यक्त किया?
4. आपने कभी अपनी समझदारी से किसी समस्या को सुलझाया है? अपनी साथ घटी घटना साझा करें।

कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

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  1. फाइनल मैच
  2. उपयोगिता ही सौंदर्य
  3. रूचि की सेवइयाँ
  4. श्रम का महत्व
  5. वीडियो गेम
  6. बुजुर्गो का साथ
  7. घड़ी की टिक टिक
  8. एक बाल्टी पानी
  9. प्राची में बदलाव
  10. पिता को पत्र
  11. दादी बनी टीचर दादी
  12. एक कदम बदलाव की ओर
  13. सच्ची ख़ुशी जोड़ने में है तोड़ने में नहीं
  14. भैया! कुछ भी कठिन नहीं
  15. बिल्लू और गुल्लू
  16. बदलाव कौन करेगा
  17. जली हुई रोटी
  18. गीता मैम से ऊँचा टावर
  19. एक जूता
  20. शिक्षा क्यों
  21. तितली क्यों नहीं उड़ी

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