14. भैया! कुछ भी कठिन नहीं

उद्देश्य: समस्या की बजाय समाधान पर अधिक ध्यान देने के लिए प्रेरित करना।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक

कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।

कहानी:
दो मित्र थे मोहन और रोहित। रोहित हर एक काम करने के लिए तत्पर रहता मोहन हर काम को मुश्किल समझता था। रोहित अपने दोस्त में आत्मविश्वास भरने की ख़ूब कोशिश करता। मोहन देखता कि रोहित हर काम अपने विश्वास के कारण पूरा कर ही लेता है।
एक दिन विद्यालय में विज्ञान के अध्यापक ने एक प्रोजेक्ट बनाने को दिया। मोहन परेशानी में रोहित के पास आया और बोला, “यह क्या नया झंझट है? इस कार्य को हम कैसे करेंगे?” रोहित बहुत ही सहज स्वभाव से बोला, “क्या मुश्किल है! आज शाम बग़ीचे में जाएँगे और पौधों की पत्तियाँ एकत्रित कर लेंगे। बस हो गया प्रोजेक्ट पूरा।”
दिन बीतते गए। समस्याएँ आती रहीं और दोनों मित्र मिलकर समस्याओं का हल निकालते रहे और अंत में रोहित के स्वभाव के कारण काम पूरा भी होता रहा। मोहन, रोहित की बातें सुनकर समझने लगा कि यदि जीवन में सफलता हासिल करनी है तो रोहित की तरह धैर्य के साथ काम करना व सोचना ही ठीक है ।
अचानक रोहित के पापा का तबादला होने के कारण उन्हें शहर छोड़ कर दूसरे शहर जाना पड़ा। अब शुरू हुए मोहन की असली परीक्षा के दिन। मोहन की माताजी बहुत बीमार पड़ गईं। बड़ा पुत्र होने के कारण बहुत सारा काम उसके कंधों पर आ पड़ा। उसे समझ नहीं आ रहा था कि कैसे सब संभाले। अब वह क्या करेगा…
उसने हर क़दम पर सोचना शुरू किया कि यहाँ रोहित होता तो क्या करता। उसे ध्यान आया कि एक बार जब रोहित की माँ बीमार पड़ी थी तो रोहित शाम को ही स्कूल जाने की तैयारी कर लिया करता था। अपनी और अपनी बहन की वर्दी रात को ही धो कर रखता, टिफ़िन के लिए सब्जी रात में धोकर ,काट कर रखता ताकि सुबह बनाने में देर न लगे। बस फिर क्या था मोहन ने भी ऐसे ही सोच-सोच कर काम करने शुरू कर दिए ।
चर्चा की दिशा समस्या पर ध्यान केंद्रित न करना और समाधान निकालने की योग्यता का विकास करना, कोई भी समस्या आने पर किस प्रकार दूसरों की मदद लेकर समस्या का समाधान निकाला जा सकता है, और अपनी योग्यता बढ़ाई जा सकती है । जिस प्रकार अंधेरे को कोसने से अंधेरा दूर नहीं होता है , दीया जलाने से ही अंधेरा दूर होता है।

पहला दिन:

चर्चा के लिए प्रश्न :
  • रोहित के जाने के बाद मोहन में क्या बदलाव आया? ऐसा क्यों हुआ?
  • यदि आपने भी कभी किसी समस्या का समाधान ढूँढा हो तो कक्षा में साझा करें।
  • क्या आपके सामने कोई ऐसी समस्या आई है जिसका समाधान आप अभी तक नहीं ढूँढ पाएँँ हैं? कक्षा में अपने साथी के साथ मिलकर चर्चा करें और उसके समाधान को ढूँढने का प्रयत्न करें।
  • हमें कोई काम करना कठिन क्यों लगता है?
घर जाकर देखो, पूछो ,समझो (विद्यार्थियों के लिए)
यह देखें कि आपके परिवार या आस पड़ोस में ऐसेकौन-कौन लोग हैं जो आपकी बात धैर्य पूर्वक सुनते हैं।

कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

दूसरा दिन

कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
  • कक्षा में पिछ्ले दिन की कहानी की पुनरावृत्ति विद्यार्थियों द्वारा करवाई जाए। पुनरावृत्ति के लिए एक या कई विद्यार्थियों से कहानी सुनना, रोल प्ले करना, जोड़े में एक-दूसरे को कहानी सुनाना आदि विविध तरीके अपनाए जा सकते हैं।
  • आवश्यकता पड़ने पर शिक्षक कहानी की पुनरावृत्ति में विद्यार्थियों का सहयोग कर सकते हैं ।
  • घर से मिले फीडबैक को विद्यार्थी छोटे समूहों में साझा कर सकते हैं। कुछ विद्यार्थियों को घर के अनुभव कक्षा में साझा करने के अवसर दिए जाएँ।
  • पहले दिन के चर्चा के प्रश्नों का प्रयोग उन विद्यार्थियों के लिए पुनः किया जा सकता है जो पिछले दिन अनुपस्थित रहे हों या समय की कमी के कारण प्रश्नों के उत्तर न दे पाएँँ हों।
चर्चा के लिए कुछ अन्य प्रश्न
  • यदि आप मोहन के स्थान पर होते तब आप क्या करते और क्यों?
  • जब आपके सामने कोई समस्या आई तब आपने समाधान के लिए किस-किस का सहयोग लिया ? और क्यों?
  • क्या आपने किसी दूसरे को मुश्किल लगने वाले काम को आसान बनाने के लिए कुछ किया है? कक्षा में साझा करें।
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

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  1. फाइनल मैच
  2. उपयोगिता ही सौंदर्य
  3. रूचि की सेवइयाँ
  4. श्रम का महत्व
  5. वीडियो गेम
  6. बुजुर्गो का साथ
  7. घड़ी की टिक टिक
  8. एक बाल्टी पानी
  9. प्राची में बदलाव
  10. पिता को पत्र
  11. दादी बनी टीचर दादी
  12. एक कदम बदलाव की ओर
  13. सच्ची ख़ुशी जोड़ने में है तोड़ने में नहीं
  14. भैया! कुछ भी कठिन नहीं
  15. बिल्लू और गुल्लू
  16. बदलाव कौन करेगा
  17. जली हुई रोटी
  18. गीता मैम से ऊँचा टावर
  19. एक जूता
  20. शिक्षा क्यों
  21. तितली क्यों नहीं उड़ी

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