11. चंदू की सूझ-बूझ

कहानी का उददेश्य: घर में बुजुर्गों के महत्व को समझना और उनका ख़याल रखने की ओर ध्यान दिलाना।

कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।

कहानी:
दादी के घुटनों में बहुत दर्द रहता था। वह एक बार जिस जगह बैठ जाती थीं तो अपने आप उठ नहीं पाती थीं। 6 साल का चंदू यह देख कर सोचता था कि काश कोई ऐसी चीज होती जिससे वह दादी की मदद कर पाता।
एक दिन की बात है। शाम होने वाली थी और मम्मी-पापा अभी काम से नहीं लौटे थे। चंदू और उसकी 8 साल की बहन, सोनम घर में थे। तभी दादी की आवाज सुनाई दी, “अरे, कोई मेरी मदद करो। मेरी टांगे जाम हो गयी हैं। मुझसे हिला नही जा रहा।” दोनो भाई बहन दरवाजे की ओर भागे जहाँ से आवाज आ रही थी। वहां जाकर देखा कि दादी दरवाजा पकड़कर उठने की कोशिश कर रही थीं, पर उनसे खड़ा नहीं हुआ जा रहा रहा था। वे चिल्ला रही थीं। लगता था कि उन्हे बहुत दर्द हो रहा था।
चंदू झट से जाले उतारने वाला डंडा ले आया और दादी के एक तरफ खड़ा हो गया। सोनम दूसरी तरफ खड़ी हो गई। चंदू के डंडे को पकड़ कर दादी बड़ी मुश्किल से खड़ी हो पाईं। सोनम ने अपने कंधे पर दादी का दूसरा हाथ रख लिया।
“जुग जुग जिओ” का आशीर्वाद देते हुए दादी अपने कमरे तक पहुंच गई। आख़िर चंदू का डंडा और सोनम का कंधा उनका सहारा जो बने थे। चंदू ने कहा, “दादी, मैं आपके घुटनो पर तेल लगा देता हूँ”, वो तेल लेकर आया और दादी के घुटनो की मालिश करने लगा । अब दादी को दर्द में कुछ आराम हो गया था । सोनम को ध्यान आया कि ऐसे में मम्मी उन्हें हल्दी वाला दूध दिया करती है। तो वह दादी के लिए गर्म-गर्म हल्दी वाला दूध ले आई ।

चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न:
1. जब आपके घर में बड़े-बुजुर्ग होते हैं, तो आपको कैसा लगता है? क्यों?
2. क्या वे आपके लिए कुछ करते हैं? क्या-क्या?
3. कब-कब आपने बड़ों के लिए कुछ किया? साझा करें।
4. आपने किसी को बड़े बुजुर्गों के लिए कुछ करते देखा है, तो बताएँ।

चर्चा की दिशा: प्रश्नों के माध्यम से विद्यार्थियों का ध्यान बड़े-बुजुर्गों के प्रति उनके अपने व्यवहार की ओर जाए। उनके संवाद से न केवल दोनो को खुशी मिलेगी बल्कि उन्हें बहुत कुछ जानने, सीखने और जीने के लिए मिलेगा।

कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

घर जाकर देखो, पूछो, समझो (विद्यार्थियों के लिए)
आज हम घर पर किसी बड़े-बुजुर्ग के लिए कोई 1-2 काम करेंगे? ऐसा करके खुद को और उन्हें कैसा लगा, कल साझा करेंगे।
या
आज अपने घर के बड़े बुजुर्गों की आवश्यकताएं पता करेंगे और हम उनके लिए क्या कर सकते हैं, जानने की कोशिश करेंगे।

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  1. मिलजुल कर
  2. लंच ब्रेक
  3. आलू का पराँठा
  4. रोहन की जुराबें
  5. एक नई धुन
  6. मन का बोझ
  7. एक जूता
  8. दो दोस्त
  9. किसकी पेंसिल अच्छी?
  10. एक चिट्ठी दादाजी के नाम
  11. चंदू की सूझ-बूझ
  12. थोड़ी सी मस्ती
  13. फूलदान या गमला
  14. दोस्ती की दौड़
  15. मैं भी मदद करूँगा
  16. वो पैसे
  17. मेरे दोस्त की नाव
  18. बीच का पन्ना
  19. मैजिक स्ट्रॉ
  20. मोबाइल गेम
  21. हमारा प्यारा चाँद
  22. रोहित भैया का रॉकेट
  23. ऐसा क्यों?
  24. पिकनिक
  25. दादी का जन्मदिन

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