16. वो पैसे

कहानी का उददेश्य: विद्यार्थी कोई भी निर्णय लेने से पहले उसका दूसरों पर पड़ने वाले प्रभाव को ध्यान में रखें।

कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।

कहानी-
कमलेश अपने दोस्तों के साथ स्कूल से घर की ओर जा रहा था।
उन्होंने देखा कि एक आंटी ने केले ख़रीदे। जब उन्होंने दुकानदार को पैसे देने के लिए पर्स खोला, तो कुछ पैसे नीचे गिर गए। और आंटी को पता भी नहीं चला। आंटी केले लेकर आगे बढ़ गयीं।
कमलेश और उसके दोस्तों ने ये सब देखा। “कमलेश चल, पैसे उठा लेते हैं!”, यह कहते हुए उनमें से एक वहाँ गया और पैसे उठा लाया।
“हाँ, हम सब इनसे चॉकलेट ख़रीदेंगे! कितनी सारी चॉकलेट आ जाएगी!” दूसरे दोस्त ने बोला।
अब आंटी सब्ज़ी की दुकान पर पहुँच चुकी थी। वह अपने पर्स में पैसे ढूँढ रही थीं। वह बहुत परेशान हो गयीं।
कमलेश अपने दोस्तों की बात ध्यान से सुन रहा था और बोला, “यार, मुझे यह ठीक नहीं लग रहा है। एक बार मैं पैसे खोने के कारण परेशानी झेल चुका हूँ। उस दिन मेरे स्कूल के जूते नहीं खरीदे जा सके।”
पहले दोस्त ने कहा, “बात तो तेरी ठीक है! एक बार हम घूमने गए थे। पापा का पर्स खो जाने के कारण हमें भूखे ही घर लौटना पड़ा था।” दूसरे दोस्त ने कहा, “चलो…”
(वे सब कहाँ गए होंगे?)
सब आंटी के पास दौड़ते हुए पहुँचे। “आंटी आपके पैसे गिर गए थे!” उन्होंने बोला। और आंटी को पैसे लौटा दिए। आंटी का परेशान चेहरा खिल उठा। उन्होंने बड़े स्नेह से उनके सिर पर हाथ फेरा और उन्हें धन्यवाद कहा।

चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न:
1- कमलेश और उसके दोस्तों ने सड़क पर पड़े पैसों का चॉकलेट खरीदने के लिए इस्तेमाल क्यों नहीं किया?
2- अगर आप कमलेश की जगह होते तो आप उन पैसों के साथ क्या करते?
3. क्या आपकी कोई वस्तु या पैसे कभी खोए हैं? तब कैसा लगा था? वापस मिल जाने पर कैसा लगा? यदि वापस न मिले, तो कैसा लगा?
4. जब आपको किसी की कोई वस्तु मिल जाती है, तो आप क्या करते हैं?

चर्चा की दिशा:
कहीं मेरा कोई लाभ या मेरी कोई ख़ुशी किसी और के नुकसान की कीमत पर तो नहीं? - अपने निर्णय लेते वक़्त इस बात का ध्यान रहे। चर्चा द्वारा विद्यार्थियों को इस दिशा में अग्रसर किया जाए। यह उन्हें दूसरों के प्रति संवेदनशील बनाएगा और किसी अन्य की वस्तु से स्वयं के सुख की लालसा से दूर रखेगा। यही नहीं, दूसरों का ख़याल रखना ही उसके सुख आ आधार बन जाएगा।

कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

घर जाकर देखो, पूछो, समझो (विद्यार्थियों के लिए)
आज हम अपने घर पर सबके साथ बैठकर चर्चा करेंगे कि कभी उन्हें किसी और की कोई चीज़ मिली तो उन्होंने क्या किया? वैसा करके उन्हें कैसा लगा?

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  1. मिलजुल कर
  2. लंच ब्रेक
  3. आलू का पराँठा
  4. रोहन की जुराबें
  5. एक नई धुन
  6. मन का बोझ
  7. एक जूता
  8. दो दोस्त
  9. किसकी पेंसिल अच्छी?
  10. एक चिट्ठी दादाजी के नाम
  11. चंदू की सूझ-बूझ
  12. थोड़ी सी मस्ती
  13. फूलदान या गमला
  14. दोस्ती की दौड़
  15. मैं भी मदद करूँगा
  16. वो पैसे
  17. मेरे दोस्त की नाव
  18. बीच का पन्ना
  19. मैजिक स्ट्रॉ
  20. मोबाइल गेम
  21. हमारा प्यारा चाँद
  22. रोहित भैया का रॉकेट
  23. ऐसा क्यों?
  24. पिकनिक
  25. दादी का जन्मदिन

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