कहानी का उद्देश्य: विद्यार्थियों का ध्यान दूसरों के द्वारा किए जाने वाले कार्यों से उत्पन्न हो रही भावनाओं को नियंत्रित करने की ओर जाए। अपने मन में दूसरों के प्रति घृणा का भाव न रहे।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
कहानी:
सुहेल और वेदांत अच्छे दोस्त थे। दोनों आज विद्यालय से घर जा रहे थे तभी सुहेल को प्यास लगी। आज वह अपनी पानी की बोतल लाना भूल गया था। उसने वेदांत से कहा, “वेदांत! पीने के लिए पानी दे दो।” वेदांत ने पानी देने से मना कर दिया। सुहेल को बुरा तो लगा परन्तु उसने उससे कुछ कहा नहीं। उसने पास पड़ी एक लकड़ी उठाई और मिट्टी में एक बड़ा-सा ❌ बना दिया।
फिर वह चुपचाप अजय के पीछे चल पड़ा। दोनों एक-दूसरे से बात नहीं कर रहे थे। कुछ देर के बाद वेदांत को सुहेल के चिल्लाने की आवाज़ आई। वेदांत ने पीछे मुड़कर देखा कि सुहेल का पाँव किसी तार में फँस गया था। वह भागकर गया और किसी तरीक़े से उसका पाँव तार से निकाला।
तभी सुहेल ने बैग से एक कॉपी और पेन निकाली और कुछ लिखने लगा। वेदांत ने झाँक कर देखा कि उस पर क्या लिखा है। कापी के आख़िरी पन्ने पर एक बड़ा सा ✔ का निशान बना हुआ था। उस पेज पर लिखा था - वेदांत ने आज मेरा पाँव कंटीले तार से निकाला।
वेदांत ने सुहेल से कहा, “मैंने देखा, पानी वाली बात पर तुमने मिट्टी पर ❌ बनाया, जबकि तार वाली बात को अपनी कॉपी में लिखा। क्यों?”
सुहेल ने कहा, “दोस्त! मैं वह बात भुला देना चाहता था, इसलिए मिट्टी पर निशान बनाकर छोड़ दिया। पर दूसरी बात मैं याद रखना चाहता हूँ, इसलिए वह बात मैंने कॉपी में लिखी।”
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न:
● क्या किसी ने आपके लिए कुछ ऐसा किया है जो आपको बहुत अच्छा लगा हो? आपने तब क्या किया?
● क्या किसी ने आपके साथ कोई ऐसा व्यवहार किया है जो आपको अच्छा न लगा हो? आपने तब क्या किया?
● अपने दोस्तों की कौन-कौन सी बातें आप मिट्टी पर लिखना चाहेंगे और कौन-कौन सी बातें कागज़ पर लिखना चाहेंगे?
● आप अपने मन की बात कैसे बताना पसंद करते हैं? (बोल कर या लिख कर, उसी वक़्त या मौक़ा देखकर…)
चर्चा की दिशा:
किसी भी व्यक्ति के किसी कार्य के प्रति अस्वीकृति का भाव जितने समय तक मन में रहता है, वह हमें उतने समय तक परेशान तो करता ही रहता है, साथ ही उस व्यक्ति से पुनः एक मधुर सम्बन्ध बनने से भी रोकता है। इस चर्चा द्वारा विद्यार्थियों का ध्यान इस ओर जाए कि किसी व्यक्ति के साथ बिताए अच्छे और बुरे, दोनों पलों में से अच्छे पलों को याद रखना और बुरे को भुला देना, स्वयं को ख़ुशी से जीने में सहयोगी होगा, और साथी को बदलाव का अवसर भी देगा। साथ ही भावों में स्थिरता लाने में भी यह मदद करेगा।
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
घर जाकर देखो, पूछो, समझो (विद्यार्थियों के लिए)
आज हम घर पर लोगों से बात करके जानेंगे कि हमारी कौन-कौन सी बातें हमारे दोस्त या परिवार के लोग याद रखना चाहते हैं और क्यों?
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कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
कहानी:
सुहेल और वेदांत अच्छे दोस्त थे। दोनों आज विद्यालय से घर जा रहे थे तभी सुहेल को प्यास लगी। आज वह अपनी पानी की बोतल लाना भूल गया था। उसने वेदांत से कहा, “वेदांत! पीने के लिए पानी दे दो।” वेदांत ने पानी देने से मना कर दिया। सुहेल को बुरा तो लगा परन्तु उसने उससे कुछ कहा नहीं। उसने पास पड़ी एक लकड़ी उठाई और मिट्टी में एक बड़ा-सा ❌ बना दिया।
फिर वह चुपचाप अजय के पीछे चल पड़ा। दोनों एक-दूसरे से बात नहीं कर रहे थे। कुछ देर के बाद वेदांत को सुहेल के चिल्लाने की आवाज़ आई। वेदांत ने पीछे मुड़कर देखा कि सुहेल का पाँव किसी तार में फँस गया था। वह भागकर गया और किसी तरीक़े से उसका पाँव तार से निकाला।
तभी सुहेल ने बैग से एक कॉपी और पेन निकाली और कुछ लिखने लगा। वेदांत ने झाँक कर देखा कि उस पर क्या लिखा है। कापी के आख़िरी पन्ने पर एक बड़ा सा ✔ का निशान बना हुआ था। उस पेज पर लिखा था - वेदांत ने आज मेरा पाँव कंटीले तार से निकाला।
वेदांत ने सुहेल से कहा, “मैंने देखा, पानी वाली बात पर तुमने मिट्टी पर ❌ बनाया, जबकि तार वाली बात को अपनी कॉपी में लिखा। क्यों?”
सुहेल ने कहा, “दोस्त! मैं वह बात भुला देना चाहता था, इसलिए मिट्टी पर निशान बनाकर छोड़ दिया। पर दूसरी बात मैं याद रखना चाहता हूँ, इसलिए वह बात मैंने कॉपी में लिखी।”
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न:
● क्या किसी ने आपके लिए कुछ ऐसा किया है जो आपको बहुत अच्छा लगा हो? आपने तब क्या किया?
● क्या किसी ने आपके साथ कोई ऐसा व्यवहार किया है जो आपको अच्छा न लगा हो? आपने तब क्या किया?
● अपने दोस्तों की कौन-कौन सी बातें आप मिट्टी पर लिखना चाहेंगे और कौन-कौन सी बातें कागज़ पर लिखना चाहेंगे?
● आप अपने मन की बात कैसे बताना पसंद करते हैं? (बोल कर या लिख कर, उसी वक़्त या मौक़ा देखकर…)
चर्चा की दिशा:
किसी भी व्यक्ति के किसी कार्य के प्रति अस्वीकृति का भाव जितने समय तक मन में रहता है, वह हमें उतने समय तक परेशान तो करता ही रहता है, साथ ही उस व्यक्ति से पुनः एक मधुर सम्बन्ध बनने से भी रोकता है। इस चर्चा द्वारा विद्यार्थियों का ध्यान इस ओर जाए कि किसी व्यक्ति के साथ बिताए अच्छे और बुरे, दोनों पलों में से अच्छे पलों को याद रखना और बुरे को भुला देना, स्वयं को ख़ुशी से जीने में सहयोगी होगा, और साथी को बदलाव का अवसर भी देगा। साथ ही भावों में स्थिरता लाने में भी यह मदद करेगा।
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
घर जाकर देखो, पूछो, समझो (विद्यार्थियों के लिए)
आज हम घर पर लोगों से बात करके जानेंगे कि हमारी कौन-कौन सी बातें हमारे दोस्त या परिवार के लोग याद रखना चाहते हैं और क्यों?
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- मिलजुल कर
- लंच ब्रेक
- आलू का पराँठा
- रोहन की जुराबें
- एक नई धुन
- मन का बोझ
- एक जूता
- दो दोस्त
- किसकी पेंसिल अच्छी?
- एक चिट्ठी दादाजी के नाम
- चंदू की सूझ-बूझ
- थोड़ी सी मस्ती
- फूलदान या गमला
- दोस्ती की दौड़
- मैं भी मदद करूँगा
- वो पैसे
- मेरे दोस्त की नाव
- बीच का पन्ना
- मैजिक स्ट्रॉ
- मोबाइल गेम
- हमारा प्यारा चाँद
- रोहित भैया का रॉकेट
- ऐसा क्यों?
- पिकनिक
- दादी का जन्मदिन
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