कहानी का उददेश्य: विद्यार्थियों का ध्यान वस्तुओं के दुरूपयोग न करने की ओर जाए।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
कहानी:
राजेश आज स्कूल से लौटा तो वह बहुत खुश था। घर आते ही बस्ता खोला, एक कॉपी निकाली और उसमें से एक पन्ना निकाल कुछ बनाने बैठ गया। मम्मी ने रसोई से ही प्यार से आवाज़ लगाई, “बेटा, जल्दी हाथ-पैर धो लीजिए। खाना लगा रही हूँ...” तभी मम्मी से आकर राजेश का हवाई जहाज टकराया। “अरे! यह क्या? हवाई जहाज़! किसने बनाया?”, मम्मी ने चकित होने के अंदाज़ में कहा।
“मैंने बनाया! आज हमें कागज़ से हवाई जहाज़ और नाव बनाना सिखाया गया।“, राजेश ने बताया।
“मेरा बेटा तो बहुत कुछ सीख रहा है!” मम्मी ने उसके गाल पर थपकी देते हुए कहा।
उसकी छोटी बहन कविता ने तपाक से कहा, “लेकिन भैया, कॉपी का पेज फाड़ना तो गलत बात है! इससे कॉपी ख़राब हो जाती है।”
राजेश दौड़कर अपना बैग लाता है और दिखाता है। “बताओ मैंने कौन-सी कॉपी से पेज निकाला है?”
कहीं कोई पेज फटने का निशान ही नहीं! पर पेज है तो कॉपी का ही। कविता सोच में पड़ जाती है।
तभी राजेश कहता है, “प्यारी बहना! आपको पता नहीं चलेगा। मैंने बीच का पन्ना निकाला था।”
“हूँ, तो ये बात है…”, कविता बोली।
राजेश ने कहा, “पर मैं आपकी बात समझ गया हूं।”
और उसने मम्मी के पास जाकर कहा, “मम्मी मैं पुराना अखबार ले लूँ?”
माँ ने मुस्कुराकर कहा, “क्यों नहीं! पर पहले खाना तो खा लें!”
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न:
1. क्या कॉपी का साफ (blank) पन्ना फाड़ना हमेशा गलत होता है? क्यों या क्यों नहीं?
2. राजेश ने अख़बार का इस्तेमाल करने का क्यों सोचा होगा? क्या कोई और तरीका भी हो सकता था?
3. कागज़ की नाव या हवाई जहाज़ आदि बनाने के लिए आप कौनसे कागज़ का प्रयोग करते हैं?
4. पुराने अख़बार या कागज़ का आप और क्या क्या प्रयोग करते हैं/कर सकते हैं?
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चर्चा की दिशा:
चर्चा द्वारा विद्यार्थियों का ध्यान इस ओर जाए कि निर्णय का प्राथमिक आधार ‘उपयोगिता’ हो। वे यह देख सकें कि उनके पास उपलब्ध संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल किस प्रकार किया जा सकता है।
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
घर जाकर देखो, पूछो, समझो (विद्यार्थियों के लिए)
आज हम घर पर ध्यान देंगे कि हम किन किन वस्तुओं का दुरूपयोग कम कर सकते हैं।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
कहानी:
राजेश आज स्कूल से लौटा तो वह बहुत खुश था। घर आते ही बस्ता खोला, एक कॉपी निकाली और उसमें से एक पन्ना निकाल कुछ बनाने बैठ गया। मम्मी ने रसोई से ही प्यार से आवाज़ लगाई, “बेटा, जल्दी हाथ-पैर धो लीजिए। खाना लगा रही हूँ...” तभी मम्मी से आकर राजेश का हवाई जहाज टकराया। “अरे! यह क्या? हवाई जहाज़! किसने बनाया?”, मम्मी ने चकित होने के अंदाज़ में कहा।
“मैंने बनाया! आज हमें कागज़ से हवाई जहाज़ और नाव बनाना सिखाया गया।“, राजेश ने बताया।
“मेरा बेटा तो बहुत कुछ सीख रहा है!” मम्मी ने उसके गाल पर थपकी देते हुए कहा।
उसकी छोटी बहन कविता ने तपाक से कहा, “लेकिन भैया, कॉपी का पेज फाड़ना तो गलत बात है! इससे कॉपी ख़राब हो जाती है।”
राजेश दौड़कर अपना बैग लाता है और दिखाता है। “बताओ मैंने कौन-सी कॉपी से पेज निकाला है?”
कहीं कोई पेज फटने का निशान ही नहीं! पर पेज है तो कॉपी का ही। कविता सोच में पड़ जाती है।
तभी राजेश कहता है, “प्यारी बहना! आपको पता नहीं चलेगा। मैंने बीच का पन्ना निकाला था।”
“हूँ, तो ये बात है…”, कविता बोली।
राजेश ने कहा, “पर मैं आपकी बात समझ गया हूं।”
और उसने मम्मी के पास जाकर कहा, “मम्मी मैं पुराना अखबार ले लूँ?”
माँ ने मुस्कुराकर कहा, “क्यों नहीं! पर पहले खाना तो खा लें!”
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न:
1. क्या कॉपी का साफ (blank) पन्ना फाड़ना हमेशा गलत होता है? क्यों या क्यों नहीं?
2. राजेश ने अख़बार का इस्तेमाल करने का क्यों सोचा होगा? क्या कोई और तरीका भी हो सकता था?
3. कागज़ की नाव या हवाई जहाज़ आदि बनाने के लिए आप कौनसे कागज़ का प्रयोग करते हैं?
4. पुराने अख़बार या कागज़ का आप और क्या क्या प्रयोग करते हैं/कर सकते हैं?
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चर्चा की दिशा:
चर्चा द्वारा विद्यार्थियों का ध्यान इस ओर जाए कि निर्णय का प्राथमिक आधार ‘उपयोगिता’ हो। वे यह देख सकें कि उनके पास उपलब्ध संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल किस प्रकार किया जा सकता है।
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
घर जाकर देखो, पूछो, समझो (विद्यार्थियों के लिए)
आज हम घर पर ध्यान देंगे कि हम किन किन वस्तुओं का दुरूपयोग कम कर सकते हैं।
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