कहानी का उददेश्य: इस ओर विद्यार्थियों का ध्यान दिलाना कि प्रकृति और समाज में बहुत सारी वस्तुएँ सभी के लिए समान रूप से उपलब्ध हैं।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
कहानी:
रहमान और सुनील बहुत अच्छे दोस्त थेI रहमान ने ईद वाले दिन सुनील को अपने घर बुलायाI सुनील शाम को जब उसके घर पहुँचा तो रहमान की अम्मी ने सेवईयाँ बनाई थी I सेवईयाँ बहुत ही स्वादिष्ट थी, दोनों ने बड़े मज़े से खाई I रहमान ने सुनील को कहा, “चलो छत पर चलते हैं, मैं तुम्हे चाँद दिखाता हूँ।” वो दोनों छत पर गए, रहमान बोला, “देखो! ईद का चाँद...कितना सुन्दर है! है न?” खुले आसमान में चाँद बहुत सुंदर लग रहा था I सुनील और रहमान कुछ देर चाँद को देखते रहे I
कुछ दिनों बाद करवा चौथ आया, सुनील की मम्मी ने उपवास रखा था I रात को मम्मी ने सुनील से कहा, “चलो मेरे साथ, चाँद देख कर आते हैं I” पापा, मम्मी और सुनील तीनो छत पर पहुँचे I बड़ा-सा चाँद आसमान में बहुत ही सुंदर लगा रहा था। कुछ काले-काले बादल आये और चाँद छुप गया I जैसे ही बादल छँटे, सुनील की नज़र बगल की छत पर खड़े रहमान पर पड़ी। सुनील चिल्लाकर बोला, “रहमान, देखो करवा चौथ का चाँद, कितना सुंदर है!” रहमान भी चाँद को देखने लगा और कुछ सोच में पड़ गया I सुनील बोला, “रहमान, जल्दी से घर आ जाओ, मम्मी ने बहुत अच्छा खाना बनाया है। दोनों मिलकर खाते हैं I”
खाना खाते-खाते रहमान बोला, “आज भी चाँद कितना सुंदर लग रहा था, मगर मैं सोच रहा हूँ कि चाँद ईद का होता है या करवा चौथ का? सुनील बोला, “मुझे लगता है कि चाँद तो हम सबका है, ईद पर भी दिखता है और करवा चौथ पर भी दिखता है और रहता तो आसमान में ही है, वहीं सुंदर भी लगता है I”
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न:
1. आपको क्या लगता है चाँद किसका है? (और सूरज, धरती, पानी,…)
2. आपके आस-पड़ोस में उपलब्ध वस्तुओं में से कौन-कौन सी वस्तुएँ किसी एक की नहीं, बल्कि सबके लिए है?
3. इनमें से किनका इस्तेमाल आप लोग मिलकर करते हैं?
चर्चा की दिशा :
हमने बहुत सारी मान्यताओं के कारण अपने-आपको और प्रकृति को भी बाँटा हुआ है। विद्यार्थियों का ध्यान प्रकृति में उपलब्ध उन सभी वस्तुओं की ओर ले जाया जा सकता है, जिनका हम सभी समान रूप से प्रयोग करते हैं, जैसे- हवा, पानी, भूमि आदि। प्रकृति का समान रूप से सभी के लिए उपलब्ध होना हमें जुड़ने का आधार देता है।
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
घर जाकर देखो, पूछो, समझो (विद्यार्थियों के लिए)
आज घर जाते वक़्त हम यह ध्यान देंगे कि हमने किन ऐसी वस्तुओं का इस्तेमाल किया या क्या-क्या देखा, जो सबके लिए है.
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कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
कहानी:
रहमान और सुनील बहुत अच्छे दोस्त थेI रहमान ने ईद वाले दिन सुनील को अपने घर बुलायाI सुनील शाम को जब उसके घर पहुँचा तो रहमान की अम्मी ने सेवईयाँ बनाई थी I सेवईयाँ बहुत ही स्वादिष्ट थी, दोनों ने बड़े मज़े से खाई I रहमान ने सुनील को कहा, “चलो छत पर चलते हैं, मैं तुम्हे चाँद दिखाता हूँ।” वो दोनों छत पर गए, रहमान बोला, “देखो! ईद का चाँद...कितना सुन्दर है! है न?” खुले आसमान में चाँद बहुत सुंदर लग रहा था I सुनील और रहमान कुछ देर चाँद को देखते रहे I
कुछ दिनों बाद करवा चौथ आया, सुनील की मम्मी ने उपवास रखा था I रात को मम्मी ने सुनील से कहा, “चलो मेरे साथ, चाँद देख कर आते हैं I” पापा, मम्मी और सुनील तीनो छत पर पहुँचे I बड़ा-सा चाँद आसमान में बहुत ही सुंदर लगा रहा था। कुछ काले-काले बादल आये और चाँद छुप गया I जैसे ही बादल छँटे, सुनील की नज़र बगल की छत पर खड़े रहमान पर पड़ी। सुनील चिल्लाकर बोला, “रहमान, देखो करवा चौथ का चाँद, कितना सुंदर है!” रहमान भी चाँद को देखने लगा और कुछ सोच में पड़ गया I सुनील बोला, “रहमान, जल्दी से घर आ जाओ, मम्मी ने बहुत अच्छा खाना बनाया है। दोनों मिलकर खाते हैं I”
खाना खाते-खाते रहमान बोला, “आज भी चाँद कितना सुंदर लग रहा था, मगर मैं सोच रहा हूँ कि चाँद ईद का होता है या करवा चौथ का? सुनील बोला, “मुझे लगता है कि चाँद तो हम सबका है, ईद पर भी दिखता है और करवा चौथ पर भी दिखता है और रहता तो आसमान में ही है, वहीं सुंदर भी लगता है I”
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न:
1. आपको क्या लगता है चाँद किसका है? (और सूरज, धरती, पानी,…)
2. आपके आस-पड़ोस में उपलब्ध वस्तुओं में से कौन-कौन सी वस्तुएँ किसी एक की नहीं, बल्कि सबके लिए है?
3. इनमें से किनका इस्तेमाल आप लोग मिलकर करते हैं?
चर्चा की दिशा :
हमने बहुत सारी मान्यताओं के कारण अपने-आपको और प्रकृति को भी बाँटा हुआ है। विद्यार्थियों का ध्यान प्रकृति में उपलब्ध उन सभी वस्तुओं की ओर ले जाया जा सकता है, जिनका हम सभी समान रूप से प्रयोग करते हैं, जैसे- हवा, पानी, भूमि आदि। प्रकृति का समान रूप से सभी के लिए उपलब्ध होना हमें जुड़ने का आधार देता है।
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
घर जाकर देखो, पूछो, समझो (विद्यार्थियों के लिए)
आज घर जाते वक़्त हम यह ध्यान देंगे कि हमने किन ऐसी वस्तुओं का इस्तेमाल किया या क्या-क्या देखा, जो सबके लिए है.
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- मिलजुल कर
- लंच ब्रेक
- आलू का पराँठा
- रोहन की जुराबें
- एक नई धुन
- मन का बोझ
- एक जूता
- दो दोस्त
- किसकी पेंसिल अच्छी?
- एक चिट्ठी दादाजी के नाम
- चंदू की सूझ-बूझ
- थोड़ी सी मस्ती
- फूलदान या गमला
- दोस्ती की दौड़
- मैं भी मदद करूँगा
- वो पैसे
- मेरे दोस्त की नाव
- बीच का पन्ना
- मैजिक स्ट्रॉ
- मोबाइल गेम
- हमारा प्यारा चाँद
- रोहित भैया का रॉकेट
- ऐसा क्यों?
- पिकनिक
- दादी का जन्मदिन
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