कहानी का उद्देश्य: किसी अन्य की वस्तुओं को देखकर उसे पाने की चाहत रखने की बजाय उसकी उपयोगिता देखकर निर्णय लेने के लिए प्रेरित करना।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की क्रिया से की जाए।
कहानी:
युवी पहली कक्षा में पढ़ता था। उसे अपनी कक्षा के नवीन का ख़ुशबूदार रबड़ बहुत अच्छा लगता था। उसने एक दिन अपनी मम्मी से कहा “ मुझे एक ख़ुश्बूदार रबड़ ला दो”। मम्मी ने कहा, “हाँ-हाँ, जब बाजार जाएंगे तब ले लेना।”
अगले दिन छुट्टी के समय युवी को कक्षा के फर्श पर एक रबड़ पड़ा दिखा । उसने रबड़ को सूँघा तो उसमें से बहुत अच्छी ख़ुश्बू आ रही थी । उसने तुरंत रबड़ उठा कर अपने बस्ते में डाल लिया।
घर जाकर उसने अपनी मम्मी से कहा कि अब उसे नई रबड़ नहीं चाहिए। वह अपनी पुरानी रबड़ से ख़ुश है। मम्मी हैरान थी पर कुछ बोली नहीं। शाम होते-होते युवी से रहा नहीं गया और उसने मम्मी को रबड़ दिखाते हुए कहा “मुझे कक्षा के फर्श पर यह रबड़ गिरा मिला है।” मम्मी ने पूछा, "किसका है क्या तुम यह जानते हो?” युवी ने कहा, “शायद नवीन का था, पर अब मेरा है।”
“किसी और की चीज़ तुम्हारी कैसे हो सकती है?” इतना कह कर मम्मी अपने काम में लग गई।
अगले दिन जब युवी स्कूल पहुँचा, उसने नवीन को उदास बैठे देखा। युवी ने उससे पूछा, “तुम उदास क्यों हो?”
नवीन ने अपने प्यारे खुशबूदार रबड़ के खोने की बात बताई। युवी सोच में पड़ गया।
(युवी ने अब क्या किया होगा?)
युवी ने अपनी जेब से वह रबड़ निकालकर उसके हाथ में रखते हुए कहा, “भाई! कल यह मुझे फ़र्श पर गिरा मिला था।”
नवीन अपना रबड़ वापिस पाकर बहुत खुश हुआ और युवी को भी नवीन को खुश देख कर बहुत अच्छा लगा।
चर्चा के प्रश्न:
1. युवी की जगह आप होते तो आप क्या करते?
2. जब आपको किसी की कोई चीज़ पसंद आती है, तो आप क्या करते हैं?
3. क्या कभी आपको किसी और की कोई चीज़ मिली है? तब आपने क्या किया था?
4. आप किसी की कोई चीज़ लौटाते हैं, तो आपको ख़ुशी क्यों होती है?
5. जब आपकी कोई खोई हुई चीज़ वापिस मिल जाती है तो आपको कैसा लगता है?
6. क्या रबड़ की ख़ुशबू आपके काम आती है या लिखे हुए को मिटाने के लिए काम आती है?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठें और अपने निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
चर्चा की दिशा :
कभी-कभी हमें लगता है कि जो वस्तु किसी दूसरे के पास है वह मेरे पास भी हो चाहे वह मेरे लिए उपयोगी हो या नहीं। विद्यार्थियों के साथ चर्चा की जा सकती है कि विभिन्न वस्तुओं की उपयोगिता क्या है और उस वस्तु के विभिन्न गुणों का मेरे जीवन में कितना उपयोग है।
घर जाकर देखो, पूछो, समझो (विद्यार्थियों के लिए)
आज हम अपने घर पर बात करेंगे कि यदि कोई वस्तु दूसरे के पास है, तो क्या हमारे पास भी वैसी ही वस्तु होना ज़रूरी है।
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कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की क्रिया से की जाए।
कहानी:
युवी पहली कक्षा में पढ़ता था। उसे अपनी कक्षा के नवीन का ख़ुशबूदार रबड़ बहुत अच्छा लगता था। उसने एक दिन अपनी मम्मी से कहा “ मुझे एक ख़ुश्बूदार रबड़ ला दो”। मम्मी ने कहा, “हाँ-हाँ, जब बाजार जाएंगे तब ले लेना।”
अगले दिन छुट्टी के समय युवी को कक्षा के फर्श पर एक रबड़ पड़ा दिखा । उसने रबड़ को सूँघा तो उसमें से बहुत अच्छी ख़ुश्बू आ रही थी । उसने तुरंत रबड़ उठा कर अपने बस्ते में डाल लिया।
घर जाकर उसने अपनी मम्मी से कहा कि अब उसे नई रबड़ नहीं चाहिए। वह अपनी पुरानी रबड़ से ख़ुश है। मम्मी हैरान थी पर कुछ बोली नहीं। शाम होते-होते युवी से रहा नहीं गया और उसने मम्मी को रबड़ दिखाते हुए कहा “मुझे कक्षा के फर्श पर यह रबड़ गिरा मिला है।” मम्मी ने पूछा, "किसका है क्या तुम यह जानते हो?” युवी ने कहा, “शायद नवीन का था, पर अब मेरा है।”
“किसी और की चीज़ तुम्हारी कैसे हो सकती है?” इतना कह कर मम्मी अपने काम में लग गई।
अगले दिन जब युवी स्कूल पहुँचा, उसने नवीन को उदास बैठे देखा। युवी ने उससे पूछा, “तुम उदास क्यों हो?”
नवीन ने अपने प्यारे खुशबूदार रबड़ के खोने की बात बताई। युवी सोच में पड़ गया।
(युवी ने अब क्या किया होगा?)
युवी ने अपनी जेब से वह रबड़ निकालकर उसके हाथ में रखते हुए कहा, “भाई! कल यह मुझे फ़र्श पर गिरा मिला था।”
नवीन अपना रबड़ वापिस पाकर बहुत खुश हुआ और युवी को भी नवीन को खुश देख कर बहुत अच्छा लगा।
चर्चा के प्रश्न:
1. युवी की जगह आप होते तो आप क्या करते?
2. जब आपको किसी की कोई चीज़ पसंद आती है, तो आप क्या करते हैं?
3. क्या कभी आपको किसी और की कोई चीज़ मिली है? तब आपने क्या किया था?
4. आप किसी की कोई चीज़ लौटाते हैं, तो आपको ख़ुशी क्यों होती है?
5. जब आपकी कोई खोई हुई चीज़ वापिस मिल जाती है तो आपको कैसा लगता है?
6. क्या रबड़ की ख़ुशबू आपके काम आती है या लिखे हुए को मिटाने के लिए काम आती है?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठें और अपने निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
चर्चा की दिशा :
कभी-कभी हमें लगता है कि जो वस्तु किसी दूसरे के पास है वह मेरे पास भी हो चाहे वह मेरे लिए उपयोगी हो या नहीं। विद्यार्थियों के साथ चर्चा की जा सकती है कि विभिन्न वस्तुओं की उपयोगिता क्या है और उस वस्तु के विभिन्न गुणों का मेरे जीवन में कितना उपयोग है।
घर जाकर देखो, पूछो, समझो (विद्यार्थियों के लिए)
आज हम अपने घर पर बात करेंगे कि यदि कोई वस्तु दूसरे के पास है, तो क्या हमारे पास भी वैसी ही वस्तु होना ज़रूरी है।
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- मीठा सेब
- राजू का टिफिन बॉक्स
- ख़ुशबूदार रबड़
- नया दोस्त
- गुठली किसकी?
- नोनी की चोट
- चलो बनाएँ पकौड़े
- रानी की गुड़िया
- भैया का रूमाल
- रिया गई स्कूल
- बड़ी बिल्डिंग
- मेरी गुल्लक
- रंग-बिरंगा दरवाज़ा
- संजू का तौलिया
- बिस्कुट किसका?
- हम लोग
- मैं कर सकता हूँ
- डर भगाओ
- वाणी और लाल गुब्बारा
- मुझे अच्छा लगता है
- टूटी पेंसिल
- जॉय की खुशी
- नन्ही बहन
- मेला
- पेन सेट
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