कहानी का उद्देश्य: विद्यार्थियों को दूसरों का सहयोग पहचान कर स्वयं सहयोग करने के लिए प्रेरित करना।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की क्रिया से की जाए।
कहानी
पिंकी और उसके दोनों बड़े भाइयों, टोनी और सोनू, की छुट्टी थी और मम्मी-पापा काम पर गए हुए थे। पिंकी का पकौड़े खाने का मन करने लगा। वह बहुत छोटी थी, इसलिए उसने अपने बड़े भाइयों से पकौड़े बनाने का आग्रह किया।
पकौड़े खाने की बात उन दोनों भाइयों को भा गई और वे तीनों रसोई की तरफ चल पड़े। टोनी ने सब्ज़ी काटने का काम लिया और सोनू ने पकौड़े तलने का। दोनों ने कहा कि पिंकी तुम तो बहुत छोटी हो और कुछ बना नहीं पाओगी।
पिंकी ने सोचा कि मैं छोटी हूँ तो क्या हुआ, मैं अपने भाइयों का सहयोग तो कर सकती हूँ! वह कभी भाग कर पानी लाती, कभी तेल और कभी बेसन पकड़ाती। पकौड़े बनने पर सब ने गरम-गरम पकौड़े खाए और पिंकी बोली, “अरे वाह! आप दोनों ने कितने टेस्टी पकौड़े बनाए हैं!”
इस बात पर सोनू बोला, “तुम्हारी मदद के बिना हम इतनी जल्दी इतने स्वादिष्ट पकौड़े नहीं बना सकते थे। तुमने बहुत अच्छा काम किया।” और फिर दोनों ने उसे “थैंक यू” कहा।
चर्चा के प्रश्न:
1. एक-दूसरे का सहयोग करना क्यों ज़रूरी है?
2. आप अपने घर में सबका सहयोग कैसे करते हैं?
3. पूरे दिन में परिवार में कौन-कौन आपकी मदद करता है? किसी एक बार की बात बताइए?
4. आप अपनी कक्षा में कौन- कौन से कार्य मिल-जुल कर करते हैं?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठें और अपने निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
चर्चा की दिशा :
यदि हम किसी कार्य में सहयोगी बनते हैं तो हमें अच्छा लगता है और उस कार्य को अच्छी तरह कर सकते है। विद्यार्थियों से चर्चा की जा सकती है कि किसी कार्य में सहयोगी बनना हमारी भागीदारी को सुनिश्चित करता है और यह भी सुख का आधार है। महत्वपूर्ण, सहयोग करना ही नहीं ,सहयोग को स्वीकारना भी है । क्योंकि हम सभी काम अकेले नहीं कर सकते। सहयोग करना और सहयोग लेना संबंधों में विश्वास को सुदृढ़ करता है, क्योंकि हमारा विश्वास होता है कि आवश्यकता पड़ने पर हम एक-दूसरे के साथ मिलकर कोई भी काम कर सकते हैं। एक दूसरे की परस्पर मदद करना ही सहयोग होता है।
घर जाकर देखो, पूछो, समझो (विद्यार्थियों के लिए)
आज ध्यान देंगे कि आप घर में किस-किस काम में मदद या सहयोग करते हैं।
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कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की क्रिया से की जाए।
कहानी
पिंकी और उसके दोनों बड़े भाइयों, टोनी और सोनू, की छुट्टी थी और मम्मी-पापा काम पर गए हुए थे। पिंकी का पकौड़े खाने का मन करने लगा। वह बहुत छोटी थी, इसलिए उसने अपने बड़े भाइयों से पकौड़े बनाने का आग्रह किया।
पकौड़े खाने की बात उन दोनों भाइयों को भा गई और वे तीनों रसोई की तरफ चल पड़े। टोनी ने सब्ज़ी काटने का काम लिया और सोनू ने पकौड़े तलने का। दोनों ने कहा कि पिंकी तुम तो बहुत छोटी हो और कुछ बना नहीं पाओगी।
पिंकी ने सोचा कि मैं छोटी हूँ तो क्या हुआ, मैं अपने भाइयों का सहयोग तो कर सकती हूँ! वह कभी भाग कर पानी लाती, कभी तेल और कभी बेसन पकड़ाती। पकौड़े बनने पर सब ने गरम-गरम पकौड़े खाए और पिंकी बोली, “अरे वाह! आप दोनों ने कितने टेस्टी पकौड़े बनाए हैं!”
इस बात पर सोनू बोला, “तुम्हारी मदद के बिना हम इतनी जल्दी इतने स्वादिष्ट पकौड़े नहीं बना सकते थे। तुमने बहुत अच्छा काम किया।” और फिर दोनों ने उसे “थैंक यू” कहा।
चर्चा के प्रश्न:
1. एक-दूसरे का सहयोग करना क्यों ज़रूरी है?
2. आप अपने घर में सबका सहयोग कैसे करते हैं?
3. पूरे दिन में परिवार में कौन-कौन आपकी मदद करता है? किसी एक बार की बात बताइए?
4. आप अपनी कक्षा में कौन- कौन से कार्य मिल-जुल कर करते हैं?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठें और अपने निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
चर्चा की दिशा :
यदि हम किसी कार्य में सहयोगी बनते हैं तो हमें अच्छा लगता है और उस कार्य को अच्छी तरह कर सकते है। विद्यार्थियों से चर्चा की जा सकती है कि किसी कार्य में सहयोगी बनना हमारी भागीदारी को सुनिश्चित करता है और यह भी सुख का आधार है। महत्वपूर्ण, सहयोग करना ही नहीं ,सहयोग को स्वीकारना भी है । क्योंकि हम सभी काम अकेले नहीं कर सकते। सहयोग करना और सहयोग लेना संबंधों में विश्वास को सुदृढ़ करता है, क्योंकि हमारा विश्वास होता है कि आवश्यकता पड़ने पर हम एक-दूसरे के साथ मिलकर कोई भी काम कर सकते हैं। एक दूसरे की परस्पर मदद करना ही सहयोग होता है।
घर जाकर देखो, पूछो, समझो (विद्यार्थियों के लिए)
आज ध्यान देंगे कि आप घर में किस-किस काम में मदद या सहयोग करते हैं।
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- मीठा सेब
- राजू का टिफिन बॉक्स
- ख़ुशबूदार रबड़
- नया दोस्त
- गुठली किसकी?
- नोनी की चोट
- चलो बनाएँ पकौड़े
- रानी की गुड़िया
- भैया का रूमाल
- रिया गई स्कूल
- बड़ी बिल्डिंग
- मेरी गुल्लक
- रंग-बिरंगा दरवाज़ा
- संजू का तौलिया
- बिस्कुट किसका?
- हम लोग
- मैं कर सकता हूँ
- डर भगाओ
- वाणी और लाल गुब्बारा
- मुझे अच्छा लगता है
- टूटी पेंसिल
- जॉय की खुशी
- नन्ही बहन
- मेला
- पेन सेट
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