कहानी का उद्देश्य: संबंधों में जीने का सुख वस्तु से मिलने वाले सुख से बड़ा होता है। वस्तु की उपयोगिता ही उसका मूल्य है।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की क्रिया से की जाए।
कहानी:
वेद देखता कि उसके भैया अपने रूमाल का विशेष ध्यान रखते थे। उसमें थोड़ी भी गंदगी उन्हें पसंद नहीं थी। रोज़ घर लौटते ही उसे धोया करते थे। वेद ने अपने भैया से एक दिन काम पर जाते वक़्त सुबह-सुबह पूछ लिया,”भैया!आप रोज़ यह रूमाल अपने साथ क्यों रखते हैं?’’
भैया मुस्कुराए और बोले, “वेद! रूमाल हमारा चेहरा या हाथ पोछने के काम आता है, पर यह तो मेरे बहुत ख़ास दोस्त ने मुझे दिया था, इसलिए मुझे यह और भी प्यारा है।”
इतना कह भैया स्कूल चले गए और वेद भी अपने स्कूल चला गया।
स्कूल से वापस आने के बाद हर शाम वेद सामने वाले पार्क में खेलने जाता था, और कुछ देर बाद भैया उसे लेने आ जाते थे। आज खेलते-खेलते वेद गिर पड़ा और उसे चोट लग गयी। उसकी कोहनी में से ख़ून बहने लगा। वेद को बहुत दर्द भी हो रहा था। उसी समय सामने से भैया दौड़े-दौड़े आए। भैया ने वेद की चोट देखी और तुरंत जेब में से रूमाल निकालकर उसकी कोहनी पर बाँधा और डॉक्टर के पास ले गए।
जब वेद की नज़र अपनी कोहनी पर गई तो उसने पाया कि यह वही रूमाल था, जो भैया को सबसे प्यारा था और अब तो रूमाल पर सारा ख़ून लग गया था।
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न:
1. क्या भैया का प्यारा रूमाल वेद की चोट पर बाँधने से ख़राब हो गया होगा?
2. क्या भैया को पता था कि वेद की चोट पर रूमाल बाँधने से वह ख़राब हो जाएगा? तब भी भैया ने रुमाल क्यों बाँध दिया?
3. भैया को रूमाल ज़्यादा प्यारा था या अपना भाई वेद? क्यों?
4. क्या आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है कि आपकी कोई प्यारी चीज़ दूसरों की मदद करने में ख़राब हो गई हो? तब आपको कैसा लगा था?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठें और अपने निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
चर्चा की दिशा:
इस चर्चा से विद्यार्थियों का ध्यान इस बात पर जाए कि किसी भी वस्तु का मूल्य या महत्व उसकी उपयोगिता से है। साथ ही संबंधों से मिलने वाली ख़ुशी संबंधों को जीने में है। जिसने संबंधों को जान लिया है, वह वस्तु के लिए व्यक्ति को नज़र अंदाज़ नहीं कर सकता।
घर जाकर देखो, पूछो, समझो (विद्यार्थियों के लिए)
घर पर सबसे बात करें कि कौन-सी एक वस्तु उन्हें बहुत प्रिय है और क्यों।
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कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की क्रिया से की जाए।
कहानी:
वेद देखता कि उसके भैया अपने रूमाल का विशेष ध्यान रखते थे। उसमें थोड़ी भी गंदगी उन्हें पसंद नहीं थी। रोज़ घर लौटते ही उसे धोया करते थे। वेद ने अपने भैया से एक दिन काम पर जाते वक़्त सुबह-सुबह पूछ लिया,”भैया!आप रोज़ यह रूमाल अपने साथ क्यों रखते हैं?’’
भैया मुस्कुराए और बोले, “वेद! रूमाल हमारा चेहरा या हाथ पोछने के काम आता है, पर यह तो मेरे बहुत ख़ास दोस्त ने मुझे दिया था, इसलिए मुझे यह और भी प्यारा है।”
इतना कह भैया स्कूल चले गए और वेद भी अपने स्कूल चला गया।
स्कूल से वापस आने के बाद हर शाम वेद सामने वाले पार्क में खेलने जाता था, और कुछ देर बाद भैया उसे लेने आ जाते थे। आज खेलते-खेलते वेद गिर पड़ा और उसे चोट लग गयी। उसकी कोहनी में से ख़ून बहने लगा। वेद को बहुत दर्द भी हो रहा था। उसी समय सामने से भैया दौड़े-दौड़े आए। भैया ने वेद की चोट देखी और तुरंत जेब में से रूमाल निकालकर उसकी कोहनी पर बाँधा और डॉक्टर के पास ले गए।
जब वेद की नज़र अपनी कोहनी पर गई तो उसने पाया कि यह वही रूमाल था, जो भैया को सबसे प्यारा था और अब तो रूमाल पर सारा ख़ून लग गया था।
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न:
1. क्या भैया का प्यारा रूमाल वेद की चोट पर बाँधने से ख़राब हो गया होगा?
2. क्या भैया को पता था कि वेद की चोट पर रूमाल बाँधने से वह ख़राब हो जाएगा? तब भी भैया ने रुमाल क्यों बाँध दिया?
3. भैया को रूमाल ज़्यादा प्यारा था या अपना भाई वेद? क्यों?
4. क्या आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है कि आपकी कोई प्यारी चीज़ दूसरों की मदद करने में ख़राब हो गई हो? तब आपको कैसा लगा था?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठें और अपने निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
चर्चा की दिशा:
इस चर्चा से विद्यार्थियों का ध्यान इस बात पर जाए कि किसी भी वस्तु का मूल्य या महत्व उसकी उपयोगिता से है। साथ ही संबंधों से मिलने वाली ख़ुशी संबंधों को जीने में है। जिसने संबंधों को जान लिया है, वह वस्तु के लिए व्यक्ति को नज़र अंदाज़ नहीं कर सकता।
घर जाकर देखो, पूछो, समझो (विद्यार्थियों के लिए)
घर पर सबसे बात करें कि कौन-सी एक वस्तु उन्हें बहुत प्रिय है और क्यों।
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- मीठा सेब
- राजू का टिफिन बॉक्स
- ख़ुशबूदार रबड़
- नया दोस्त
- गुठली किसकी?
- नोनी की चोट
- चलो बनाएँ पकौड़े
- रानी की गुड़िया
- भैया का रूमाल
- रिया गई स्कूल
- बड़ी बिल्डिंग
- मेरी गुल्लक
- रंग-बिरंगा दरवाज़ा
- संजू का तौलिया
- बिस्कुट किसका?
- हम लोग
- मैं कर सकता हूँ
- डर भगाओ
- वाणी और लाल गुब्बारा
- मुझे अच्छा लगता है
- टूटी पेंसिल
- जॉय की खुशी
- नन्ही बहन
- मेला
- पेन सेट
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