उद्देश्य: विद्यार्थियों के बीच ताल मेल बढ़ाना और एक दूसरे की अच्छी बातों (गुणों) की ओर ध्यान दिलाना।
आवश्यक सामग्री: किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं।
शिक्षक के लिए नोट:
इस बात का ध्यान रखा जाए कि विद्यार्थियों का ध्यान दूसरों की अच्छी बातों पर जा पाए। इससे विद्यार्थियों के बीच बेहतर संबंध स्थापित होंगे। अक्सर हमारा ध्यान दूसरे पर तब जाता है जब वह कोई गलती करता है। दूसरे की केवल गलतियां देखने से संबंधों में दरारें आती हैं। हर व्यक्ति में अच्छी बातें होती ही हैं, जिन्हें देखने पर, हम गलतियों से प्रभावित नहीं होते। साथ ही, दूसरे को उसकी अच्छी बात बताने से उसमें आत्म-विश्वास बढ़ता है। आत्म-विश्वास बढ़ने से भी हम अपने संबंध और अच्छी तरह निभा पाते हैं।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
● विद्यार्थियों को एक दूसरे के सामने दो वृत्त (आंतरिक और बाहरी) में खड़े होने के लिए कहा जाए।
● दोनों वृत्त के विद्यार्थी एक दूसरे की तरफ़ चेहरा करके खड़े हों।
● विद्यार्थी अपने सामने खड़े साथी (partner) से हाथ मिलाकर हैलो कहें या नमस्कार करके अभिवादन करें।
● वे बारी-बारी से एक दूसरे की एक अच्छी बात बताएँ।
● जिसकी प्रशंसा हो वह 'धन्यवाद' कहे।
● फिर बाहरी सर्कल को दायीं ओर चलने के लिए कहा जाए।
● आंतरिक सर्कल को बायीं ओर चलने को कहा जाए।
● शिक्षक द्वारा रुकने के लिए कहे जाने पर अपने नए साथी के साथ वे यही प्रक्रिया दोहराएं।
● ऐसा 4-5 बार किया जाए।
वैकल्पिक विधि:
(यदि विद्यार्थियों की संख्या ज़्यादा हो या उपरोक्त तरीके से गतिविधि कराने में दिक्कत हो तो ऐसा भी किया का सकता है।)
1. विद्यार्थी जोड़े में बैठें और एक दूसरे को उसकी एक अच्छी बात बताएँ। अपनी अच्छी बात सुनकर धन्यवाद बोलने के लिए भी प्रेरित करें।
2. अब जोड़े में से एक ओर के बच्चों को आगे खिसकाएँ जिससे जोड़ी के विद्यार्थी बदल जाएँ।
3. उपरोक्त दोनों चरण 4-5 बार कराएँ।
चर्चा के लिए प्रश्न:
विद्यार्थियों को एक एक करके आगे बुलाएँ और पूछें -
● आपने अपने साथी के बारे में क्या अच्छी बात बतायी?
● अपनी अच्छी बात दूसरे से सुनकर आपको कैसा महसूस हो रहा था?
● क्या दूसरे की अच्छी बात उस व्यक्ति को बतानी चाहिए? क्यों?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
क्या करें क्या न करें :
● दोनों वृत्त में विद्यार्थियों की संख्या बराबर होनी चाहिए।
● शिक्षक स्वयं भी गतिविधि में शामिल हों और किसी एक वृत्त का हिस्सा बन अपनी बात भी साझा करें।
करके देखें:
हम आज घर जाकर किन्हीं 2-3 लोगों से मिलेंगे और उनकी जो बातें हमें अच्छी लगती हैं, वह उन्हें बताएँगे। वे लोग परिवार के सदस्य या आस-पड़ोस के हो सकते हैं।
अगली हैप्पीनेस क्लास में हम अपने अनुभव साझा करेंगे।
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आवश्यक सामग्री: किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं।
शिक्षक के लिए नोट:
इस बात का ध्यान रखा जाए कि विद्यार्थियों का ध्यान दूसरों की अच्छी बातों पर जा पाए। इससे विद्यार्थियों के बीच बेहतर संबंध स्थापित होंगे। अक्सर हमारा ध्यान दूसरे पर तब जाता है जब वह कोई गलती करता है। दूसरे की केवल गलतियां देखने से संबंधों में दरारें आती हैं। हर व्यक्ति में अच्छी बातें होती ही हैं, जिन्हें देखने पर, हम गलतियों से प्रभावित नहीं होते। साथ ही, दूसरे को उसकी अच्छी बात बताने से उसमें आत्म-विश्वास बढ़ता है। आत्म-विश्वास बढ़ने से भी हम अपने संबंध और अच्छी तरह निभा पाते हैं।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
● विद्यार्थियों को एक दूसरे के सामने दो वृत्त (आंतरिक और बाहरी) में खड़े होने के लिए कहा जाए।
● दोनों वृत्त के विद्यार्थी एक दूसरे की तरफ़ चेहरा करके खड़े हों।
● विद्यार्थी अपने सामने खड़े साथी (partner) से हाथ मिलाकर हैलो कहें या नमस्कार करके अभिवादन करें।
● वे बारी-बारी से एक दूसरे की एक अच्छी बात बताएँ।
● जिसकी प्रशंसा हो वह 'धन्यवाद' कहे।
● फिर बाहरी सर्कल को दायीं ओर चलने के लिए कहा जाए।
● आंतरिक सर्कल को बायीं ओर चलने को कहा जाए।
● शिक्षक द्वारा रुकने के लिए कहे जाने पर अपने नए साथी के साथ वे यही प्रक्रिया दोहराएं।
● ऐसा 4-5 बार किया जाए।
वैकल्पिक विधि:
(यदि विद्यार्थियों की संख्या ज़्यादा हो या उपरोक्त तरीके से गतिविधि कराने में दिक्कत हो तो ऐसा भी किया का सकता है।)
1. विद्यार्थी जोड़े में बैठें और एक दूसरे को उसकी एक अच्छी बात बताएँ। अपनी अच्छी बात सुनकर धन्यवाद बोलने के लिए भी प्रेरित करें।
2. अब जोड़े में से एक ओर के बच्चों को आगे खिसकाएँ जिससे जोड़ी के विद्यार्थी बदल जाएँ।
3. उपरोक्त दोनों चरण 4-5 बार कराएँ।
चर्चा के लिए प्रश्न:
विद्यार्थियों को एक एक करके आगे बुलाएँ और पूछें -
● आपने अपने साथी के बारे में क्या अच्छी बात बतायी?
● अपनी अच्छी बात दूसरे से सुनकर आपको कैसा महसूस हो रहा था?
● क्या दूसरे की अच्छी बात उस व्यक्ति को बतानी चाहिए? क्यों?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
क्या करें क्या न करें :
● दोनों वृत्त में विद्यार्थियों की संख्या बराबर होनी चाहिए।
● शिक्षक स्वयं भी गतिविधि में शामिल हों और किसी एक वृत्त का हिस्सा बन अपनी बात भी साझा करें।
करके देखें:
हम आज घर जाकर किन्हीं 2-3 लोगों से मिलेंगे और उनकी जो बातें हमें अच्छी लगती हैं, वह उन्हें बताएँगे। वे लोग परिवार के सदस्य या आस-पड़ोस के हो सकते हैं।
अगली हैप्पीनेस क्लास में हम अपने अनुभव साझा करेंगे।
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- नमस्कार (Hello)
- हम सब एक समान
- अगर न हो तो
- आओ सुनें और करें
- मैं भी हूँ कलाकार
- ग़लती तो सब से हो जाती है
- ग़ुस्सा अच्छा या बुरा
- मेरी नोट-बुक
- सही और गलत
- सुन्दर-सा घर बनायेंगे
- हवाई जहाज़ उड़ाएंगे
- अनोखी चादर
- गुप्त संदेश
- आओ बातें करें उनकी
- हमारी ज़रूरतें
- काल्पनिक गेंद (Imaginary Ball)
- मित्र चित्र
- आओ जोड़ते चलें
- इल्ली (caterpillar)
- भावों की पहचान
- मैं क्या नहीं
- आया आंटी सबसे अच्छी
- हम हैं अच्छे
- आओ डर साझा करें
- धन्यवाद करें हम सबका
- खोया कार्ड
- पहचान कौन?
- सुरक्षित द्वीप
- मुझे पहचानो
- मुझमें क्या बदला पहचानो
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