गतिविधि का उद्देश्य: विद्यार्थी अपनी शारीरिक आवश्यकताओं को पहचान पाएँ, समझ जाएँ और व्यक्त करना सीख जाएँ।
आवश्यक सामग्री: एक कटोरी या डिब्बा और 6 पर्चियाँ
शिक्षक नोट: हम अपने दैनिक जीवन में बहुत सारी ज़रूरतें खुद ही पूरी करते रहते हैं। क्या हम इन्हें पहचानते हैं? क्या हम इन्हें समझते हैं? जैसे हमें भूख लगती है तो हम खाना खाते हैं क्योंकि इससे पेट भरने का सुख मिलता है। उसी तरह नींद आती है तो हम सो जाते हैं क्योंकि इससे हमें आराम मिलता है,थकान दूर होती है और सुख की अनुभूति होती है।
इस गतिविधि के माध्यम से विद्यार्थियों का ध्यान इस दिशा में जाए।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
1.शिक्षक 6 पर्चियां अपने साथ लेकर कक्षा में जाए जिन पर अलग अलग स्थितियाँ लिखी हों। (भूख लगना, प्यास लगना, नींद आना, गर्मी लगना, ठंड लगना, थकान लगना आदि।)
2. सभी विद्यार्थियों के सामने उन पर्चियों को एक कटोरी या डिब्बी में डालें।
3. विद्यार्थियो को बारी बारी से आगे आकर पर्ची निकालने के लिए कहें।
4. वह पर्ची पर लिखी स्थिति का बिना कुछ भी बोले अभिनय करके दिखाए।
गतिविधि हेतु प्रस्तावित प्रश्न:
भूख की स्थिति में पूछे जाने वाले प्रश्न -
1. जब हमें भूख लगती है तो हम क्या करते हैं?
2. खाना खाने से क्या होता है?
3. पेट भर जाने पर कैसा लगता है?
4. क्या पेट भरने के बाद आप और खाना पसंद करेंगे? क्यों या क्यों नहीं?
इसी प्रकार अन्य स्थितियों से जुड़े प्रश्न पूछे जाएँ जिससे शरीर की ज़रूरतों के सीमित होने की तरफ़ ध्यान जाए।
(अगर कहीं कोई विद्यार्थी अटक जाता है तो शिक्षक स्वयं भी उसकी जगह अभिनय कर सकता है, और इस तरह विद्यार्थियों का उत्साह बढ़ाया जा सकता है।)
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
करके देखें :
आज घर पर ध्यान देंगे कि अपने शरीर की ज़रूरतों के लिए आपने क्या-क्या किया।
कल अपना अनुभव साझा करेंगे।
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आवश्यक सामग्री: एक कटोरी या डिब्बा और 6 पर्चियाँ
शिक्षक नोट: हम अपने दैनिक जीवन में बहुत सारी ज़रूरतें खुद ही पूरी करते रहते हैं। क्या हम इन्हें पहचानते हैं? क्या हम इन्हें समझते हैं? जैसे हमें भूख लगती है तो हम खाना खाते हैं क्योंकि इससे पेट भरने का सुख मिलता है। उसी तरह नींद आती है तो हम सो जाते हैं क्योंकि इससे हमें आराम मिलता है,थकान दूर होती है और सुख की अनुभूति होती है।
इस गतिविधि के माध्यम से विद्यार्थियों का ध्यान इस दिशा में जाए।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
1.शिक्षक 6 पर्चियां अपने साथ लेकर कक्षा में जाए जिन पर अलग अलग स्थितियाँ लिखी हों। (भूख लगना, प्यास लगना, नींद आना, गर्मी लगना, ठंड लगना, थकान लगना आदि।)
2. सभी विद्यार्थियों के सामने उन पर्चियों को एक कटोरी या डिब्बी में डालें।
3. विद्यार्थियो को बारी बारी से आगे आकर पर्ची निकालने के लिए कहें।
4. वह पर्ची पर लिखी स्थिति का बिना कुछ भी बोले अभिनय करके दिखाए।
गतिविधि हेतु प्रस्तावित प्रश्न:
भूख की स्थिति में पूछे जाने वाले प्रश्न -
1. जब हमें भूख लगती है तो हम क्या करते हैं?
2. खाना खाने से क्या होता है?
3. पेट भर जाने पर कैसा लगता है?
4. क्या पेट भरने के बाद आप और खाना पसंद करेंगे? क्यों या क्यों नहीं?
इसी प्रकार अन्य स्थितियों से जुड़े प्रश्न पूछे जाएँ जिससे शरीर की ज़रूरतों के सीमित होने की तरफ़ ध्यान जाए।
(अगर कहीं कोई विद्यार्थी अटक जाता है तो शिक्षक स्वयं भी उसकी जगह अभिनय कर सकता है, और इस तरह विद्यार्थियों का उत्साह बढ़ाया जा सकता है।)
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
करके देखें :
आज घर पर ध्यान देंगे कि अपने शरीर की ज़रूरतों के लिए आपने क्या-क्या किया।
कल अपना अनुभव साझा करेंगे।
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- नमस्कार (Hello)
- हम सब एक समान
- अगर न हो तो
- आओ सुनें और करें
- मैं भी हूँ कलाकार
- ग़लती तो सब से हो जाती है
- ग़ुस्सा अच्छा या बुरा
- मेरी नोट-बुक
- सही और गलत
- सुन्दर-सा घर बनायेंगे
- हवाई जहाज़ उड़ाएंगे
- अनोखी चादर
- गुप्त संदेश
- आओ बातें करें उनकी
- हमारी ज़रूरतें
- काल्पनिक गेंद (Imaginary Ball)
- मित्र चित्र
- आओ जोड़ते चलें
- इल्ली (caterpillar)
- भावों की पहचान
- मैं क्या नहीं
- आया आंटी सबसे अच्छी
- हम हैं अच्छे
- आओ डर साझा करें
- धन्यवाद करें हम सबका
- खोया कार्ड
- पहचान कौन?
- सुरक्षित द्वीप
- मुझे पहचानो
- मुझमें क्या बदला पहचानो
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