गतिविधि का उद्देश्य: बात को ध्यान से सुन कर समझना, समझकर दूसरे को समझा पाना।
आवश्यक सामग्री: किसी सामग्री की आवश्यकता नहीं है।
शिक्षक के लिए नोट: हमने अगर ग़लत समझा है, तो हमारा व्यवहार उससे प्रभावित होगा ही, साथ ही आगे ग़लत समझाएंगे भी। ध्यान से सुनने पर ग़लतियों की संभावना कम होती है। अकसर हमारा ध्यान इधर-उधर भटक जाता है। अगर हमें आभास हो जाए कि ध्यान देने से बात ठीक से समझ में आती है और ग़लतियाँ नहीं होती, तो हम ध्यान देने या ध्यान से सुनने के लिए प्रेरित और उत्साहित होते हैं।
जब हम किसी को ठीक से सुनी और समझी हुई बात समझाते हैं, तो उसकी ख़ुशी हमें भी महसूस होती है और सामने वाले को भी।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
ध्यान दें:
आज घर पर स्वयं को देखेंगे कि आपने कौन से काम ध्यान देकर किए।
कल अपना अनुभव साझा करेंगे।
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आवश्यक सामग्री: किसी सामग्री की आवश्यकता नहीं है।
शिक्षक के लिए नोट: हमने अगर ग़लत समझा है, तो हमारा व्यवहार उससे प्रभावित होगा ही, साथ ही आगे ग़लत समझाएंगे भी। ध्यान से सुनने पर ग़लतियों की संभावना कम होती है। अकसर हमारा ध्यान इधर-उधर भटक जाता है। अगर हमें आभास हो जाए कि ध्यान देने से बात ठीक से समझ में आती है और ग़लतियाँ नहीं होती, तो हम ध्यान देने या ध्यान से सुनने के लिए प्रेरित और उत्साहित होते हैं।
जब हम किसी को ठीक से सुनी और समझी हुई बात समझाते हैं, तो उसकी ख़ुशी हमें भी महसूस होती है और सामने वाले को भी।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
- कक्षा में 10-12 विद्यार्थियों को एक सीधी लाइन में खड़ा करें।
- कोई भी विद्यार्थी पीछे मुड़कर न देखे, यह सुनिश्चित करें।
- लाइन में खड़े आँख़िरी विद्यार्थी को शिक्षक कान में एक सरल संदेश बताएँ। जैसे – “मैं खाना खा रहा/रही हूँ।“ या- “मैं पढ़ रहा/रही हूँ।“
- आख़िरी विद्यार्थी अपने आगे वाले विद्यार्थी के कंधे पर थपकी देगा और तब वह उसकी तरफ़ घूमेगा और आख़िरी विद्यार्थी इशारों/एक्टिंग से संदेश को आगे वाले विद्यार्थी को समझाएगा।
- अब वह आगे वाला विद्यार्थी इशारों में अपने से अगले को वह संदेश देगा। यही प्रक्रिया लाइन में आगे की ओर बढ़ती जाएगी।
- जब संदेश लाइन के पहले विद्यार्थी तक पहुँच जाएगा तब वह वो संदेश सबको बताएगा।
- इसके बाद आँख़िरी विद्यार्थी (जिसने सबसे पहले संदेश आगे भेजा था) शिक्षक के बताए हुए संदेश को बताएगा।
- विद्यार्थियों को इस बात पर विचार करने के लिए कहें कि पहले और आँख़िरी विद्यार्थी के संदेश में क्या अंतर था? वैसा क्यों हुआ?
- क्या उन्होंने जानबूझकर गलती की थी?
- यदि इशारों की जगह बोलकर ही संदेश देना होता तो क्या अंत तक बात सही से पहुँच पाती? (अबकी बार पंक्ति में संदेश कानाफूसी की तरह आगे बढ़ाया जा सकता है, और फिर से पिछला प्रश्न चर्चा के लिए लिया जा सकता है।)
ध्यान दें:
- गतिविधि के नियम विद्यार्थियों को ध्यानपूर्वक सुनने को कहें।
- पहली स्थिति में, विद्यार्थी गुप्त संदेश देते समय, आपस में बातचीत न करें व हाव-भाव के माध्यम से ही संदेश आगे पहुँचाएं।
- बाक़ी विद्यार्थियों के साथ भी गतिविधि को बारी-बारी से दोहराएं।
आज घर पर स्वयं को देखेंगे कि आपने कौन से काम ध्यान देकर किए।
कल अपना अनुभव साझा करेंगे।
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- नमस्कार (Hello)
- हम सब एक समान
- अगर न हो तो
- आओ सुनें और करें
- मैं भी हूँ कलाकार
- ग़लती तो सब से हो जाती है
- ग़ुस्सा अच्छा या बुरा
- मेरी नोट-बुक
- सही और गलत
- सुन्दर-सा घर बनायेंगे
- हवाई जहाज़ उड़ाएंगे
- अनोखी चादर
- गुप्त संदेश
- आओ बातें करें उनकी
- हमारी ज़रूरतें
- काल्पनिक गेंद (Imaginary Ball)
- मित्र चित्र
- आओ जोड़ते चलें
- इल्ली (caterpillar)
- भावों की पहचान
- मैं क्या नहीं
- आया आंटी सबसे अच्छी
- हम हैं अच्छे
- आओ डर साझा करें
- धन्यवाद करें हम सबका
- खोया कार्ड
- पहचान कौन?
- सुरक्षित द्वीप
- मुझे पहचानो
- मुझमें क्या बदला पहचानो
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