गतिविधि का उद्देश्य: विद्यार्थियों में अपना भाव पहचानने की क्षमता बढ़ाना।
आवश्यक सामग्री: कोई आवश्यक सामग्री नहीं।
शिक्षक नोट:
इस गतिविधि द्वारा विद्यार्थियों का ध्यान ग़ुस्से के आधार और प्रभाव पर लेकर जाएँ-
जब हम ग़ुस्सा करते हैं तो हमें कैसा लगता है? जब कोई और हम पर ग़ुस्सा करता है तब हमें कैसा लगता है?
ग़ुस्से के दौरान शारीरिक और चेहरे पर दिखने वाले बदलाव की ओर भी विद्यार्थियों का ध्यान ले जाया जाए।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
1- शिक्षक पहले क्रोध/गुस्से की भाव भंगिमा करके दिखाएँ और फिर विद्यार्थियों से पूछें कि उन्हें यह देखकर कैसा लगा। (इस बात का ध्यान रखें कि बच्चो के सामने अभिनय के परिणाम स्वरूप कोई डर न जाए।)
2- कुछ विद्यार्थियों के जवाब आने के बाद, उन्हें जोड़े में विभिन्न हावभाव से एक दूसरे को ग़ुस्सा करके दिखाने के लिए कहें।
3. उसके बाद एक दूसरे के प्रति अपनापन दिखाने वाले भाव व्यक्त करने के लिए कहें।
गतिविधि हेतु प्रस्तावित प्रश्न:
1. क्या सभी लोग ग़ुस्सा अलग अलग तरीक़े से दिखाते हैं? कैसे? (परिवार में, कक्षा में आदि)
2. अपनापन दिखाने के कौनसे तरीके होते हैं?
3. जब कोई आप पर ग़ुस्सा करता है तो आप कैसा महसूस करते हैं?
4. आपको ग़ुस्सा किन कारणों से आता है?
5. जब आपको ग़ुस्सा आता है तो आप क्या करते हैं?
6. आपको पिछली बार ग़ुस्सा कब आया था?
7. जब आपने किसी पर गुस्सा किया था तो उसे कैसा लगा होगा?
8. आपको गुस्सा अच्छा लगता है या प्यार?
9. दूसरों को क्या अच्छा लगता होगा - गुस्सा या प्यार?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
करके देखें:
आज पूरे दिन हम प्रयास करेंगे कि यदि किसी की कोई बात बुरी लगी, तब भी गुस्सा नहीं करेंगे। अपने अनुभव हम कल साझा करेंगे।
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आवश्यक सामग्री: कोई आवश्यक सामग्री नहीं।
शिक्षक नोट:
इस गतिविधि द्वारा विद्यार्थियों का ध्यान ग़ुस्से के आधार और प्रभाव पर लेकर जाएँ-
जब हम ग़ुस्सा करते हैं तो हमें कैसा लगता है? जब कोई और हम पर ग़ुस्सा करता है तब हमें कैसा लगता है?
ग़ुस्से के दौरान शारीरिक और चेहरे पर दिखने वाले बदलाव की ओर भी विद्यार्थियों का ध्यान ले जाया जाए।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
1- शिक्षक पहले क्रोध/गुस्से की भाव भंगिमा करके दिखाएँ और फिर विद्यार्थियों से पूछें कि उन्हें यह देखकर कैसा लगा। (इस बात का ध्यान रखें कि बच्चो के सामने अभिनय के परिणाम स्वरूप कोई डर न जाए।)
2- कुछ विद्यार्थियों के जवाब आने के बाद, उन्हें जोड़े में विभिन्न हावभाव से एक दूसरे को ग़ुस्सा करके दिखाने के लिए कहें।
3. उसके बाद एक दूसरे के प्रति अपनापन दिखाने वाले भाव व्यक्त करने के लिए कहें।
गतिविधि हेतु प्रस्तावित प्रश्न:
1. क्या सभी लोग ग़ुस्सा अलग अलग तरीक़े से दिखाते हैं? कैसे? (परिवार में, कक्षा में आदि)
2. अपनापन दिखाने के कौनसे तरीके होते हैं?
3. जब कोई आप पर ग़ुस्सा करता है तो आप कैसा महसूस करते हैं?
4. आपको ग़ुस्सा किन कारणों से आता है?
5. जब आपको ग़ुस्सा आता है तो आप क्या करते हैं?
6. आपको पिछली बार ग़ुस्सा कब आया था?
7. जब आपने किसी पर गुस्सा किया था तो उसे कैसा लगा होगा?
8. आपको गुस्सा अच्छा लगता है या प्यार?
9. दूसरों को क्या अच्छा लगता होगा - गुस्सा या प्यार?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
करके देखें:
आज पूरे दिन हम प्रयास करेंगे कि यदि किसी की कोई बात बुरी लगी, तब भी गुस्सा नहीं करेंगे। अपने अनुभव हम कल साझा करेंगे।
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- नमस्कार (Hello)
- हम सब एक समान
- अगर न हो तो
- आओ सुनें और करें
- मैं भी हूँ कलाकार
- ग़लती तो सब से हो जाती है
- ग़ुस्सा अच्छा या बुरा
- मेरी नोट-बुक
- सही और गलत
- सुन्दर-सा घर बनायेंगे
- हवाई जहाज़ उड़ाएंगे
- अनोखी चादर
- गुप्त संदेश
- आओ बातें करें उनकी
- हमारी ज़रूरतें
- काल्पनिक गेंद (Imaginary Ball)
- मित्र चित्र
- आओ जोड़ते चलें
- इल्ली (caterpillar)
- भावों की पहचान
- मैं क्या नहीं
- आया आंटी सबसे अच्छी
- हम हैं अच्छे
- आओ डर साझा करें
- धन्यवाद करें हम सबका
- खोया कार्ड
- पहचान कौन?
- सुरक्षित द्वीप
- मुझे पहचानो
- मुझमें क्या बदला पहचानो
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