गतिविधि का उद्देश्य: विद्यार्थियों को अपनी एवं अपने साथियों की भावनाओं से अवगत कराना। विद्यार्थियों का ध्यान स्वयं की भावनाओं पर जाए और वे उनके बारे में बात कर पाएँ। विद्यार्थियों में यह जागरूकता भी लाना कि उनके साथियों में भी उनके जैसी ही भावनाएँ हैं।
आवश्यक सामग्री: किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं है।
शिक्षक के लिए नोट :
जब हम अपनी भावनाओं से परिचित होते हैं तो ज़्यादा संयमित और अच्छा व्यवहार कर पाते हैं। जब हम अपनी भावनाओं पर ध्यान दे पाते हैं, तो हम दूसरों की भावनाओं को समझने में भी सक्षम होते हैं। अपनी भावनाओं को सही प्रकार से अभिव्यक्त कर पाने और दूसरों की बात को सुनने का अभ्यास भी बनता है।
जब हम अपनी भावना को पहचान कर दूसरों के आगे व्यक्त करते हैं और दूसरे उसे सुनकर हमें समझते हैं तो हमारा विश्वास बढ़ता है।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
क्या करें और क्या न करें:
आज घर जाकर अपने परिवार से आज की गतिविधि के बारे में बातचीत करें। आपने और आपके साथियों ने जो कक्षा में चर्चा की, उसके बारे मे बताएँ।
अगली हैप्पीनेस क्लास में अपने अनुभव साझा करेंगे।
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आवश्यक सामग्री: किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं है।
शिक्षक के लिए नोट :
जब हम अपनी भावनाओं से परिचित होते हैं तो ज़्यादा संयमित और अच्छा व्यवहार कर पाते हैं। जब हम अपनी भावनाओं पर ध्यान दे पाते हैं, तो हम दूसरों की भावनाओं को समझने में भी सक्षम होते हैं। अपनी भावनाओं को सही प्रकार से अभिव्यक्त कर पाने और दूसरों की बात को सुनने का अभ्यास भी बनता है।
जब हम अपनी भावना को पहचान कर दूसरों के आगे व्यक्त करते हैं और दूसरे उसे सुनकर हमें समझते हैं तो हमारा विश्वास बढ़ता है।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
- विद्यार्थियों को गोलाई में बिठाएं और ख़ुद भी साथ बैठें।
- पहले अपने बारे में बात करें। इससे विद्यार्थियों की हिचकिचाहट दूर होगी। उदाहरण - “आज मैं आपको बताऊंगा/गी कि मुझे किससे डर लगता है। जैसे - मुझे रात को अकेले बाहर जाने में डर लगता है। मुझे छिपकली से डर लगता है।”
- अब एक-एक विद्यार्थी से बारी-बारी से उनके डर बताने को कहें।
- जब कुछ या अधिकतर विद्यार्थी अपना डर बता दें, तो आगे के प्रश्न पूछें।
- आपको अपनी बात कहते समय कैसा लगा?
- क्या आपको लगता है कि अब आप ज़्यादा खुलकर मुझसे और दोस्तों से दूसरी बातें भी कर सकेंगे?
- हमें डर क्यों लगता है?
- कुत्तों से किन्हें डर लगता है? आपको उनसे डर क्यों लगता है?
- कुत्तों से किन्हें डर नहीं लगता है? आपको उनसे डर क्यों नहीं लगता है?
- क्या आपको किसी परिचित से भी डर लगता है? क्यों या क्यों नहीं?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
क्या करें और क्या न करें:
- विद्यार्थी को ऐसा वातावरण दें कि वे खुलकर अपनी बात कह पाएँ।
- कोशिश करें कि सभी विद्यार्थी अपनी कोई न कोई बात रखें।
आज घर जाकर अपने परिवार से आज की गतिविधि के बारे में बातचीत करें। आपने और आपके साथियों ने जो कक्षा में चर्चा की, उसके बारे मे बताएँ।
अगली हैप्पीनेस क्लास में अपने अनुभव साझा करेंगे।
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- नमस्कार (Hello)
- हम सब एक समान
- अगर न हो तो
- आओ सुनें और करें
- मैं भी हूँ कलाकार
- ग़लती तो सब से हो जाती है
- ग़ुस्सा अच्छा या बुरा
- मेरी नोट-बुक
- सही और गलत
- सुन्दर-सा घर बनायेंगे
- हवाई जहाज़ उड़ाएंगे
- अनोखी चादर
- गुप्त संदेश
- आओ बातें करें उनकी
- हमारी ज़रूरतें
- काल्पनिक गेंद (Imaginary Ball)
- मित्र चित्र
- आओ जोड़ते चलें
- इल्ली (caterpillar)
- भावों की पहचान
- मैं क्या नहीं
- आया आंटी सबसे अच्छी
- हम हैं अच्छे
- आओ डर साझा करें
- धन्यवाद करें हम सबका
- खोया कार्ड
- पहचान कौन?
- सुरक्षित द्वीप
- मुझे पहचानो
- मुझमें क्या बदला पहचानो
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