4. आओ सुनें और करें

गतिविधि का उद्देश्य: ध्यान से सुनने का महत्त्व पहचानना।
आवश्यक सामग्री: पुराने अखबार या कोई कपड़ा जो पर्दे के रूप में काम आ सके।

शिक्षक के लिए नोट:
‘ध्यान से सुनना’ किसी व्यक्ति को समझने के लिए या किसी कार्य को ठीक से करने के लिए बहुत जरूरी है।
ध्यान से सुनने से ही हम दूसरों के भावों को समझ पाते हैं। भाव समझने पर ही हम दूसरों के साथ ताल-मेल बैठा पाते हैं। उदाहरण के लिए विद्यार्थियों के भाव को समझ पाने पर शिक्षक का विद्यार्थी के साथ एक जुड़ाव (connection) बन पाता है। हमारी बात जब भी कोई ध्यान से सुनता है तो हम उसके साथ सहज महसूस करते हैं और अपने मन की बात कह पाते हैं। साथ ही, ध्यान से सुनने के बाद ही किसी कार्य को प्रभावशाली ढंग से किया जा सकता है। ध्यान से न सुनने पर सही समझ और सही कार्य की परिकल्पना भी नहीं की जा सकती।

कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।

गतिविधि के चरण:
  • कक्षा के सभी विद्यार्थियों को 3-3 के समूह में बाटें और पर्दा पकड़ने के लिए दो सहायक विद्यार्थियों को भी बुला लें।
  • सहायक विद्यार्थियों में से एक विद्यार्थी ब्लैकबोर्ड के आगे विद्यार्थियों की तरफ़ मुँह करके खड़ा होगा और दूसरा विद्यार्थी उसकी विपरीत दिशा में परदे का दूसरा कोना पकड़ के खड़ा होगा।
  • परदे के दोनों ओर एक एक विद्यार्थी खड़ा होगा और तीसरा विद्यार्थी इस प्रकार खड़ा होगा कि वो दोनों विद्यार्थियों को देख पाए।
  • तीसरा विद्यार्थी परदे के दोनों ओर खड़े विद्यार्थियों को कुछ क्रिया करने के लिए समान रूप से निर्देश देगा और परदे के दोनों ओर खड़े विद्यार्थियों को निर्देशों के अनुसार क्रिया करनी होगी।
  • निर्देश देने वाला विद्यार्थी बाक़ी दोनों विद्यार्थियों को कुछ भावों के निर्देश भी दे सकता है, जैसे रोना, हँसना, नाराज़ होना, शर्माना।
  • कक्षा के बाकी सभी विद्यार्थी ध्यान से गतिविधि को होते हुए देखेंगे। एक राउंड के बाद आप उनसे निर्देशों को ठीक से सुनकर उनके अनुसार क्रिया कर पाने की उपलब्धि के एहसास को महसूस कराएँ और आगे भी अच्छे से सुनने व देखने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • इसके पश्चात समयानुसार बाक़ी के समूहों को बुलाकर यही प्रक्रिया दोहराएँ।
चर्चा के लिए प्रश्न:
  • आप की बात कौन-कौन (कक्षा में या घर में) ध्यान से सुनता है?
  • क्या आप अपने दोस्तों की बात ध्यान से सुनते हैं? यदि हाँ! तो क्यों? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
  • आप अपने मम्मी-पापा, भाई-बहन की बात ध्यान से सुनते हैं? क्यों?
  • जब आप की बात कोई ध्यान से नहीं सुनता, तो आप को कैसा लगता है?
  • जब आप किसी की बात ध्यान से नहीं सुनते, तो क्या होता है?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

क्या करें, क्या न करें:
ऐसा प्रयास रहे कि सभी विद्यार्थियों को निर्देश देने एवं निर्देशों को सुनकर गतिविधि करने का मौका मिले।

करके देखें:
आज घर जा कर प्रयास करें कि किसी की भी कोई बात ध्यान से न सुने और अगले दिन अपना अनुभव साझा करें, कि जब आपने किसी की बात को ध्यान से न सुनने की कोशिश की तो क्या आप कर पाए?

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  1. नमस्कार (Hello)
  2. हम सब एक समान
  3. अगर न हो तो
  4. आओ सुनें और करें
  5. मैं भी हूँ कलाकार
  6. ग़लती तो सब से हो जाती है
  7. ग़ुस्सा अच्छा या बुरा
  8. मेरी नोट-बुक
  9. सही और गलत
  10. सुन्दर-सा घर बनायेंगे
  11. हवाई जहाज़ उड़ाएंगे
  12. अनोखी चादर
  13. गुप्त संदेश
  14. आओ बातें करें उनकी
  15. हमारी ज़रूरतें
  16. काल्पनिक गेंद (Imaginary Ball)
  17. मित्र चित्र
  18. आओ जोड़ते चलें
  19. इल्ली (caterpillar)
  20. भावों की पहचान
  21. मैं क्या नहीं
  22. आया आंटी सबसे अच्छी
  23. हम हैं अच्छे
  24. आओ डर साझा करें
  25. धन्यवाद करें हम सबका
  26. खोया कार्ड
  27. पहचान कौन?
  28. सुरक्षित द्वीप
  29. मुझे पहचानो
  30. मुझमें क्या बदला पहचानो

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