गतिविधि का उद्देश्य: विद्यार्थियों का ध्यान आपसी समानताओं की ओर जाए। इस गतिविधि में विशेष रूप से हमारे शरीर की समानताओं (commonness) पर ध्यान दिलाने का प्रयास किया गया है।
आवश्यक सामग्री: किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं।
शिक्षक के लिए नोट:
हमारा ध्यान आपसी समानताओं पर होने से हम एक दूसरे से ज़्यादा जुड़े हुए (connected) महसूस करते हैं। एक दूसरे में अंतर देखने से संबंधों में दूरी बढ़ती है।
हम सब कैसे समान हैं?
हमारे शरीर की समानताओं के अलावा हमारा परिवार में जीना भी समानता का एक आधार है। साथ ही हमारा परिवार एक मोहल्ले में रहता है, हमारा मोहल्ला एक गांव/शहर में होता है, हमारा गाँव/शहर एक प्रदेश में होता है… इत्यादि।
शरीर में रंग, रूप के आधार पर भिन्नताएँ भी होती हैं। ये भिन्नताएँ हमारी भौगोलिक परिस्थितियों के कारण होती हैं। इससे कोई कम-ज़्यादा नहीं होता। ये भिन्नताएं केवल एक दूसरे को दो अलग इकाइयों (entities) के रूप में पहचानने के अर्थ में होती हैं।
शरीर के अतिरिक्त हम और किस स्तर पर समान हैं?
हम सभी सोचते हैं, हम सभी निर्णय लेते हैं - ऐसे कई प्रकार से हम मानव रूप में समान हैं।
क्या शरीर की बनावट व हमारे सोचने के अतिरिक्त भी हममें कुछ समान है?
हम सभी ख़ुशी चाहते हैं। हम उदास होते हैं, तो सोचते हैं कि इस उदासी से कैसे छुटकारा पाएँ। हम सभी को अपनी तारीफ सुनकर अच्छा लगता है। हम सभी को बच्चों को हँसते देख ख़ुशी होती है। ख़ुशी, गर्व, संतुष्टि, इत्यादि - यह हम सब अपने अंदर महसूस कर पाते हैं। अर्थात हम सभी मानव में भाव (feelings) हैं और इन भावों से हमें ख़ुशी मिलती है। भाव रूप में हम मानव समान हैं।
विद्यार्थियों का (और हमारा भी) ध्यान बार-बार मानव में समानताओं पर जाए - इस अर्थ में यह गतिविधि है।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
क्या करें और क्या न करें:
आज घर पर किन्हीं 2-3 लोगों से पूछेंगे कि उन्हें परिवार के सदस्यों की पसंद-नापसंद में क्या-क्या समान दिखता है। (अपने अनुभव अगले दिन कक्षा में साझा करें।)
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आवश्यक सामग्री: किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं।
शिक्षक के लिए नोट:
हमारा ध्यान आपसी समानताओं पर होने से हम एक दूसरे से ज़्यादा जुड़े हुए (connected) महसूस करते हैं। एक दूसरे में अंतर देखने से संबंधों में दूरी बढ़ती है।
हम सब कैसे समान हैं?
हमारे शरीर की समानताओं के अलावा हमारा परिवार में जीना भी समानता का एक आधार है। साथ ही हमारा परिवार एक मोहल्ले में रहता है, हमारा मोहल्ला एक गांव/शहर में होता है, हमारा गाँव/शहर एक प्रदेश में होता है… इत्यादि।
शरीर में रंग, रूप के आधार पर भिन्नताएँ भी होती हैं। ये भिन्नताएँ हमारी भौगोलिक परिस्थितियों के कारण होती हैं। इससे कोई कम-ज़्यादा नहीं होता। ये भिन्नताएं केवल एक दूसरे को दो अलग इकाइयों (entities) के रूप में पहचानने के अर्थ में होती हैं।
शरीर के अतिरिक्त हम और किस स्तर पर समान हैं?
हम सभी सोचते हैं, हम सभी निर्णय लेते हैं - ऐसे कई प्रकार से हम मानव रूप में समान हैं।
क्या शरीर की बनावट व हमारे सोचने के अतिरिक्त भी हममें कुछ समान है?
हम सभी ख़ुशी चाहते हैं। हम उदास होते हैं, तो सोचते हैं कि इस उदासी से कैसे छुटकारा पाएँ। हम सभी को अपनी तारीफ सुनकर अच्छा लगता है। हम सभी को बच्चों को हँसते देख ख़ुशी होती है। ख़ुशी, गर्व, संतुष्टि, इत्यादि - यह हम सब अपने अंदर महसूस कर पाते हैं। अर्थात हम सभी मानव में भाव (feelings) हैं और इन भावों से हमें ख़ुशी मिलती है। भाव रूप में हम मानव समान हैं।
विद्यार्थियों का (और हमारा भी) ध्यान बार-बार मानव में समानताओं पर जाए - इस अर्थ में यह गतिविधि है।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
- विद्यार्थियों का एक जोड़ा कक्षा में आगे बुलाएँ।
- उन्हें एक दूसरे के बारे में निम्न प्रश्नों के अनुसार बताने का अवसर दें -
- आप दोनों में क्या क्या एक समान है?
- क्या आप दोनों में कोई अंतर भी है? यदि हां तो क्या?
- अब सभी विद्यार्थियों के जोड़े बनाएँ और यही गतिविधि उन्हें अपने साथियों के साथ करने में मदद करें।
- सभी में कौनसी बातें एक समान हैं?
- ये समानताएँ सभी बच्चों के साथ हैं या सिर्फ इस कक्षा के विद्यार्थियों के साथ?
- हम सब में और क्या-क्या समानताएँ हैं? (जैसे- क्या हम सब परिवार में रहते हैं? क्या सभी को हंसना अच्छा लगता है? क्या हम सभी को प्यार अच्छा लगता है? इत्यादि।)
- जब हम इतने तरह से समान हैं तो क्या हम व्यवहार भी एक जैसा करते हैं? क्यों या क्यों नहीं?
क्या करें और क्या न करें:
- यदि कक्षा में कोई ऐसा विद्यार्थी है जो शारीरिक रूप से बाक़ी विद्यार्थियों के समान नहीं है तो इस गतिविधि को ज़्यादा संवेदनशीलता (sensitivity) से करने की ज़रूरत है।
- गतिविधि में विद्यार्थियों के कठिनाई के स्तर के अनुसार बदलाव ला सकते हैं।
आज घर पर किन्हीं 2-3 लोगों से पूछेंगे कि उन्हें परिवार के सदस्यों की पसंद-नापसंद में क्या-क्या समान दिखता है। (अपने अनुभव अगले दिन कक्षा में साझा करें।)
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- नमस्कार (Hello)
- हम सब एक समान
- अगर न हो तो
- आओ सुनें और करें
- मैं भी हूँ कलाकार
- ग़लती तो सब से हो जाती है
- ग़ुस्सा अच्छा या बुरा
- मेरी नोट-बुक
- सही और गलत
- सुन्दर-सा घर बनायेंगे
- हवाई जहाज़ उड़ाएंगे
- अनोखी चादर
- गुप्त संदेश
- आओ बातें करें उनकी
- हमारी ज़रूरतें
- काल्पनिक गेंद (Imaginary Ball)
- मित्र चित्र
- आओ जोड़ते चलें
- इल्ली (caterpillar)
- भावों की पहचान
- मैं क्या नहीं
- आया आंटी सबसे अच्छी
- हम हैं अच्छे
- आओ डर साझा करें
- धन्यवाद करें हम सबका
- खोया कार्ड
- पहचान कौन?
- सुरक्षित द्वीप
- मुझे पहचानो
- मुझमें क्या बदला पहचानो
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