गतिविधि का उद्देश्य: विद्यार्थियों का ध्यान इस ओर जाए कि बातें ठीक से समझी जाए, यह बोलने वाले की समझ और व्यक्त करने का कौशल, एवं सुनने वाले द्वारा दिए गए ध्यान और उसकी समझ का स्तर दोनों पर निर्भर करता है।
आवश्यक सामग्री: पेपर और पेंसिल, उनकी किसी पुस्तक में छपा कोई चित्र/अन्य कोई चित्र
शिक्षक नोट:
इस गतिविधि के माध्यम से विद्यार्थी एक दूसरे की बात को ध्यान से सुनने और समझने का प्रयास करेंगे। साथ ही वे यह भी देख पाएँगे कि बोली हुई बात को अगला व्यक्ति किस रूप में ग्रहण करता है। उनका ध्यान इस ओर भी जाएगा कि बोली और समझी बात में यदि कोई अंतर रहता है, तो उसके क्या कारण होते हैं। इस अभ्यास से एक-दूसरे के प्रति एक समझ विकसित होगी जो उन्हें बेहतर तालमेल की ओर ले जाएगी।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
1. विद्यार्थियों के जोड़े बनाएँ।
2. प्रत्येक जोड़े के विद्यार्थी एक दूसरे की तरफ पीठ करके बैठेंI
3. हर जोड़े में से एक विद्यार्थी को पेपर और पेंसिल देंI
4. दूसरे बच्चे के हाथ में कोई चित्र दिया जाए जिसका वर्णन वह बोल कर करेगाI यह चित्र उन्हीं की किसी किताब से हो सकता है।
5. उसके वर्णन को सुनते हुए पहला विद्यार्थी चित्र बनाएI
6. 5 मिनट बाद दोनों मिलकर देखें कि क्या कही गई मुख्य बातें चित्र में शामिल हैं। (यहां चित्रकारी कौशल न देखा जाए। कही बातों का सही स्थान पर नज़र आ जाना काफ़ी है।)
7. अब कार्य आपस में अदला-बदली करवाकर किसी अलग चित्र के साथ गतिविधि करें।
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न:
1. क्या आप अपने मित्र की कही सारी बातें चित्र में दिखा पाए? चर्चा करें।
2. हमें एक-दूसरे की बात को ध्यानपूर्वक सुनने से क्या फायदे हैं?
3. क्या हम वैसा ठीक प्रकार से समझ पाते है जैसा बोला गया? यदि नहीं तो क्यों?
4. हमें सही बात समझने के लिए क्या-क्या करना चाहिए?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
करके देखें:
आज घर पर यह गतिविधि किसी के साथ करके देखेंगे और अगली कक्षा में अनुभव साझा करेंगे।
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आवश्यक सामग्री: पेपर और पेंसिल, उनकी किसी पुस्तक में छपा कोई चित्र/अन्य कोई चित्र
शिक्षक नोट:
इस गतिविधि के माध्यम से विद्यार्थी एक दूसरे की बात को ध्यान से सुनने और समझने का प्रयास करेंगे। साथ ही वे यह भी देख पाएँगे कि बोली हुई बात को अगला व्यक्ति किस रूप में ग्रहण करता है। उनका ध्यान इस ओर भी जाएगा कि बोली और समझी बात में यदि कोई अंतर रहता है, तो उसके क्या कारण होते हैं। इस अभ्यास से एक-दूसरे के प्रति एक समझ विकसित होगी जो उन्हें बेहतर तालमेल की ओर ले जाएगी।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
1. विद्यार्थियों के जोड़े बनाएँ।
2. प्रत्येक जोड़े के विद्यार्थी एक दूसरे की तरफ पीठ करके बैठेंI
3. हर जोड़े में से एक विद्यार्थी को पेपर और पेंसिल देंI
4. दूसरे बच्चे के हाथ में कोई चित्र दिया जाए जिसका वर्णन वह बोल कर करेगाI यह चित्र उन्हीं की किसी किताब से हो सकता है।
5. उसके वर्णन को सुनते हुए पहला विद्यार्थी चित्र बनाएI
6. 5 मिनट बाद दोनों मिलकर देखें कि क्या कही गई मुख्य बातें चित्र में शामिल हैं। (यहां चित्रकारी कौशल न देखा जाए। कही बातों का सही स्थान पर नज़र आ जाना काफ़ी है।)
7. अब कार्य आपस में अदला-बदली करवाकर किसी अलग चित्र के साथ गतिविधि करें।
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न:
1. क्या आप अपने मित्र की कही सारी बातें चित्र में दिखा पाए? चर्चा करें।
2. हमें एक-दूसरे की बात को ध्यानपूर्वक सुनने से क्या फायदे हैं?
3. क्या हम वैसा ठीक प्रकार से समझ पाते है जैसा बोला गया? यदि नहीं तो क्यों?
4. हमें सही बात समझने के लिए क्या-क्या करना चाहिए?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
करके देखें:
आज घर पर यह गतिविधि किसी के साथ करके देखेंगे और अगली कक्षा में अनुभव साझा करेंगे।
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- नमस्कार (Hello)
- हम सब एक समान
- अगर न हो तो
- आओ सुनें और करें
- मैं भी हूँ कलाकार
- ग़लती तो सब से हो जाती है
- ग़ुस्सा अच्छा या बुरा
- मेरी नोट-बुक
- सही और गलत
- सुन्दर-सा घर बनायेंगे
- हवाई जहाज़ उड़ाएंगे
- अनोखी चादर
- गुप्त संदेश
- आओ बातें करें उनकी
- हमारी ज़रूरतें
- काल्पनिक गेंद (Imaginary Ball)
- मित्र चित्र
- आओ जोड़ते चलें
- इल्ली (caterpillar)
- भावों की पहचान
- मैं क्या नहीं
- आया आंटी सबसे अच्छी
- हम हैं अच्छे
- आओ डर साझा करें
- धन्यवाद करें हम सबका
- खोया कार्ड
- पहचान कौन?
- सुरक्षित द्वीप
- मुझे पहचानो
- मुझमें क्या बदला पहचानो
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