गतिविधि का उद्देश्य: विद्यार्थियों में अपनी ग़लतियों के प्रति स्वीकृति का भाव बने और वे ग़लती सुधारने की कोशिश करें।
आवश्यक सामग्री: कोई आवश्यक सामग्री नहीं।
शिक्षक नोट:
हम ग़लती को जान बूझकर नहीं करना चाहते, न ही कोई दूसरा जान बूझकर ग़लत काम करना चाहता है। उदाहरण के तौर पर, यदि किसीसे कांच का गिलास या कप गिरकर टूट जाता है, तो क्या यह उसके द्वारा जान बूझकर किया गया होता है? ग़लती होने पर, उसको छिपाने या झूठ बोलने की बजाय किसी से साझा करके उसे सुधारने का प्रयास करना ही सुखदायी है।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
1- आप पहले विद्यार्थियों को अपनी किसी ग़लती के बारे में बताएँ, और ग़लती होने पर क्या किया इसकी भी चर्चा करें।
2- विद्यार्थियों से कहें कि वे भी ख़ुद से हुई किसी ग़लती के बारे में सोचें और अपने साथी से साझा करें।
3- विद्यार्थियों से पूछें कि उनसे ग़लती हो जाने के बाद उन्होंने क्या किया।
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न:
1- क्या आप ग़लती जान बूझकर करना चाहते हैं?
2- जब किसी से कोई ग़लती होती है, तो क्या आपको ऐसा लगता है कि उसने वह जान बूझकर किया होगा? क्यों?
3- ग़लती होने पर क्या हमें किसी को बताना चाहिए? क्यों या क्यों नहीं?
4. आपसे जब कोई गलती हो जाती है, तो आप क्या करते हैं?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
करके देखें :
घर पर ध्यान दें कि क्या हमारे आस-पास के लोग जानबूझकर कोई गलती करना चाहते हैं। अपना अनुभव अगले दिन साझा करें।
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आवश्यक सामग्री: कोई आवश्यक सामग्री नहीं।
शिक्षक नोट:
हम ग़लती को जान बूझकर नहीं करना चाहते, न ही कोई दूसरा जान बूझकर ग़लत काम करना चाहता है। उदाहरण के तौर पर, यदि किसीसे कांच का गिलास या कप गिरकर टूट जाता है, तो क्या यह उसके द्वारा जान बूझकर किया गया होता है? ग़लती होने पर, उसको छिपाने या झूठ बोलने की बजाय किसी से साझा करके उसे सुधारने का प्रयास करना ही सुखदायी है।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
1- आप पहले विद्यार्थियों को अपनी किसी ग़लती के बारे में बताएँ, और ग़लती होने पर क्या किया इसकी भी चर्चा करें।
2- विद्यार्थियों से कहें कि वे भी ख़ुद से हुई किसी ग़लती के बारे में सोचें और अपने साथी से साझा करें।
3- विद्यार्थियों से पूछें कि उनसे ग़लती हो जाने के बाद उन्होंने क्या किया।
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न:
1- क्या आप ग़लती जान बूझकर करना चाहते हैं?
2- जब किसी से कोई ग़लती होती है, तो क्या आपको ऐसा लगता है कि उसने वह जान बूझकर किया होगा? क्यों?
3- ग़लती होने पर क्या हमें किसी को बताना चाहिए? क्यों या क्यों नहीं?
4. आपसे जब कोई गलती हो जाती है, तो आप क्या करते हैं?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
करके देखें :
घर पर ध्यान दें कि क्या हमारे आस-पास के लोग जानबूझकर कोई गलती करना चाहते हैं। अपना अनुभव अगले दिन साझा करें।
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- नमस्कार (Hello)
- हम सब एक समान
- अगर न हो तो
- आओ सुनें और करें
- मैं भी हूँ कलाकार
- ग़लती तो सब से हो जाती है
- ग़ुस्सा अच्छा या बुरा
- मेरी नोट-बुक
- सही और गलत
- सुन्दर-सा घर बनायेंगे
- हवाई जहाज़ उड़ाएंगे
- अनोखी चादर
- गुप्त संदेश
- आओ बातें करें उनकी
- हमारी ज़रूरतें
- काल्पनिक गेंद (Imaginary Ball)
- मित्र चित्र
- आओ जोड़ते चलें
- इल्ली (caterpillar)
- भावों की पहचान
- मैं क्या नहीं
- आया आंटी सबसे अच्छी
- हम हैं अच्छे
- आओ डर साझा करें
- धन्यवाद करें हम सबका
- खोया कार्ड
- पहचान कौन?
- सुरक्षित द्वीप
- मुझे पहचानो
- मुझमें क्या बदला पहचानो
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