गतिविधि का उद्देश्य: अपने आस पास के वातावरण पर ध्यान देना और समझना। बदलाव को स्वीकार कर पाना।
आवश्यक सामग्री: किसी सामग्री की आवश्यकता नहीं है।
शिक्षक के लिए नोट: विद्यार्थी यदि अपने आस पास के वातावरण की ओर ध्यान देते हैं और समझ पाते हैं तो उन्हें अपने वातावरण में सहजता महसूस होती है। सहज वातावरण में आपसी विश्वास और सहयोग का भाव बना रहता है और हम अपने काम को दक्षतापूर्वक कर पाते हैं।
यदि हमारे आस पास के वातावरण में कोई बदलाव होता है,तो उसको स्वीकार करना और समझना भी आवश्यक है जिससे वातावरण में सहजता बनी रह सकती है। आस पास के वातावरण में हुए बदलाव की उपयोगिता को भी हम समझ पाते हैं और स्वीकार कर पाते हैं। जो जैसा है, उसको उसी रूप में स्वीकार करने से हमें परस्परता में सुख महसूस होता है।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की क्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
क्या करें क्या न करें :
आज जब आप विद्यालय से घर जाएँ, तब रास्ते में एवं घर पहुँचकर ग़ौर करें कि आपको कल की तुलना में क्या-क्या बदलाव आया दिख रहा है। अपने अनुभव अगली हैप्पीनेस क्लास में साझा करें।
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शिक्षक के लिए नोट: विद्यार्थी यदि अपने आस पास के वातावरण की ओर ध्यान देते हैं और समझ पाते हैं तो उन्हें अपने वातावरण में सहजता महसूस होती है। सहज वातावरण में आपसी विश्वास और सहयोग का भाव बना रहता है और हम अपने काम को दक्षतापूर्वक कर पाते हैं।
यदि हमारे आस पास के वातावरण में कोई बदलाव होता है,तो उसको स्वीकार करना और समझना भी आवश्यक है जिससे वातावरण में सहजता बनी रह सकती है। आस पास के वातावरण में हुए बदलाव की उपयोगिता को भी हम समझ पाते हैं और स्वीकार कर पाते हैं। जो जैसा है, उसको उसी रूप में स्वीकार करने से हमें परस्परता में सुख महसूस होता है।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की क्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
- विद्यार्थियों को 8-10 के समूहों में बाँटकर गोलाकार में बैठाएँ।
- विद्यार्थियों को समूह में चारों ओर देखने और ध्यान देने के लिए कहें कि उनके समूह में कौन- कौन है?
- अब विद्यार्थी अपनी आँखें बंद करें।
- उन्होंने जो देखा है उसके बारे में याद रखने या सोचने का प्रयास करें।
- अब शिक्षक प्रत्येक समूह से एक विद्यार्थी को बदल दें।(सभी विद्यार्थी आँख बंद रखें और शिक्षक बिना आवाज़ किए यह चरण करें।)
- अब विद्यार्थी अपनी आँखें खोलें और अपने समूह में नए विद्यार्थी की पहचान करें और ग़ायब विद्यार्थी का नाम बताएँ।
- क्या आप अपने आस-पास की चीजों को ध्यान से देखते हैं?
- जब आपकी आँखें बंद थीं, क्या तब आपका ध्यान आस-पास की हलचल पर गया था?
- जिन विद्यार्थियों को शिक्षक ने एक समूह से दूसरे समूह में बदला, उनसे चर्चा करें कि उन्हें दूसरे समूह में जाते हुए कैसा महसूस हुआ? ऐसा क्यों लगा?
- जब हमारे आस-पास कुछ बदलता है तो हमें कैसा महसूस होता है?
- जब हमारे समूह में नया साथी आया तब हमें कैसा महसूस हुआ?
- जब आपके घर कोई मेहमान आता है, तो आपको कैसा लगता है? जैसा आपको लगता है, वैसा क्यों लगता है?
क्या करें क्या न करें :
- शिक्षक निर्देशों के बारे में बिल्कुल स्पष्ट हों।
- सभी की भागीदारी सुनिश्चित करें।
आज जब आप विद्यालय से घर जाएँ, तब रास्ते में एवं घर पहुँचकर ग़ौर करें कि आपको कल की तुलना में क्या-क्या बदलाव आया दिख रहा है। अपने अनुभव अगली हैप्पीनेस क्लास में साझा करें।
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- नमस्कार (Hello)
- हा-हा ही-ही हो-हो
- मेरा शरीर
- हाथ ऊपर नीचे
- तुम में मुझ में क्या समान?
- सुनो और कूदो
- साथी और बॉल
- मेरी नोट-बुक
- जुगलबंदी (Duet)
- सुपर स्माइल (Super Smile)
- दर्पण (mirror)
- एक नई चुनौती
- पहचानो और छूओ
- काल्पनिक गेंद (Imaginary Ball)
- अंगुलियों को जोड़ें (Join the fingers)
- मेरी स्माइली
- मुझे ऐसा लगता है
- मेरी आवाज़
- इल्ली (caterpillar)
- पहचान कौन? (Guess Who?)
- कार एवं ड्राईवर
- रूको और चलो (Freeze and Melt)
- संतुलन (Balance)
- गौर करें और बताएँ
- आओ सुलझाएँ उलझन
- उल्टा – पुल्टा
- मुझमें क्या बदला पहचानो
- साथी की अच्छी बात
- उनकी तरह अभिनय करें
- क्या ग़ायब, क्या नया?
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