गतिविधि का उद्देश्य: विद्यार्थियों का अपने शरीर के अंग और उनकी क्षमताओं के प्रति ध्यान जाए।
आवश्यक सामग्री: किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं है।
शिक्षक के लिए नोट: हम अपना सारा काम अपने शरीर के माध्यम से करते हैं। हम अपने हाथों से लिखना, पैरों से चलना, आँखों से देखना आदि जैसे काम हर रोज़ करते हैं। ऐसे में इस साधन के प्रति हमारा ध्यान जाता है तो हमेंं बल मिलता है। हम अपने शरीर की क्षमता (potential) से परिचित होते हैं। ऐसा होने से हम इसकी ताक़त और योग्यता को और बढ़ा पाते हैं। इससे हमें आत्मबल मिलता है, ख़ुशी होती है। अपनी क़ाबिलियत का एहसास होता है।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की क्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
क्या करे, क्या न करें:
आज घर जाकर ध्यान देंगे कि आपने हाथ, पैर, आँख आदि अंगों का किन कार्यों में इस्तेमाल किया। अगली हैप्पीनेस क्लास में अपने अनुभव साझा करेंगे।
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आवश्यक सामग्री: किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं है।
शिक्षक के लिए नोट: हम अपना सारा काम अपने शरीर के माध्यम से करते हैं। हम अपने हाथों से लिखना, पैरों से चलना, आँखों से देखना आदि जैसे काम हर रोज़ करते हैं। ऐसे में इस साधन के प्रति हमारा ध्यान जाता है तो हमेंं बल मिलता है। हम अपने शरीर की क्षमता (potential) से परिचित होते हैं। ऐसा होने से हम इसकी ताक़त और योग्यता को और बढ़ा पाते हैं। इससे हमें आत्मबल मिलता है, ख़ुशी होती है। अपनी क़ाबिलियत का एहसास होता है।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की क्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
- शिक्षक विद्यार्थियों से पूछें “आपने सुबह उठ कर सबसे पहले क्या किया?”
- विद्यार्थियों के उत्तर देने का इंतज़ार करें। उन्हें प्रोत्साहन देने के लिए उदाहरण के तौर पर ऐसे सवाल कर सकते हैं -
- “आपने अपनी आँख खोली” - विद्यार्थियों को अपनी आँखें बंद करके फिर खोलने के लिए कहें।
- “लम्बी सी जंभाई ली” - जंभाई लेने का अभिनय करें, सभी विद्यार्थियों को भी ऐसा करने को कहें।
- “फिर आपने अपनी आँख मली” - अभिनय करें, और विद्यार्थियों से भी कहें।
- “फिर आप स्कूल आने के लिए तैयार हुए” - विद्यार्थियों से कहें कि वे अपने जगह पर खड़े होकर तैयार होने की एक - दो क्रिया करके बताएं। आप उनकी इसमें मदद कर सकते हैं।
- “फिर आपने नाश्ता किया” - विद्यार्थियों से नाश्ता करने का अभिनय करने को कहें।
- शिक्षक फिर विद्यार्थियों से पूछे कि आप बिस्तर से कैसे खड़े हुए (पैरों के सहारे से), जम्भाई कैसे ली (मुँह से), आँख कैसे मली (हाथ से)।
- अपने शरीर के विभिन्न अंगों से आप रोज़ क्या-क्या काम करते हैं?
- क्या आपको लगता है कि इनका ख़याल रखना चाहिए? क्यों?
- क्या आप अपने शरीर का ध्यान रखते हैं? कैसे?
- यदि हम अपने अंगों का ध्यान न रखें तो क्या हमारे काम पूरे करने में कोई मुश्किल आ जाएगी? यदि हां तो कैसे नहीं तो कैसे?
- क्या आप अपने शरीर का ध्यान रखने के लिए परिवार के और सदस्यों की भी मदद लेते हैं? कैसे?
क्या करे, क्या न करें:
- विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए सारी क्रियाएँ पहले स्वयं करके बता सकते हैं।
- विद्यार्थियों को बेझिझक चर्चा के लिए प्रोत्साहित करें।
आज घर जाकर ध्यान देंगे कि आपने हाथ, पैर, आँख आदि अंगों का किन कार्यों में इस्तेमाल किया। अगली हैप्पीनेस क्लास में अपने अनुभव साझा करेंगे।
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- नमस्कार (Hello)
- हा-हा ही-ही हो-हो
- मेरा शरीर
- हाथ ऊपर नीचे
- तुम में मुझ में क्या समान?
- सुनो और कूदो
- साथी और बॉल
- मेरी नोट-बुक
- जुगलबंदी (Duet)
- सुपर स्माइल (Super Smile)
- दर्पण (mirror)
- एक नई चुनौती
- पहचानो और छूओ
- काल्पनिक गेंद (Imaginary Ball)
- अंगुलियों को जोड़ें (Join the fingers)
- मेरी स्माइली
- मुझे ऐसा लगता है
- मेरी आवाज़
- इल्ली (caterpillar)
- पहचान कौन? (Guess Who?)
- कार एवं ड्राईवर
- रूको और चलो (Freeze and Melt)
- संतुलन (Balance)
- गौर करें और बताएँ
- आओ सुलझाएँ उलझन
- उल्टा – पुल्टा
- मुझमें क्या बदला पहचानो
- साथी की अच्छी बात
- उनकी तरह अभिनय करें
- क्या ग़ायब, क्या नया?
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